अंतरिक्ष में एक ताकत के रूप में उभर रहे चीन ने हाल में गठित अमेरिकी अंतरिक्ष बल को अंतरिक्ष में शांति और सुरक्षा के लिए सीधा खतरा बताया. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने सोमवार को संवाददाताओं से कहा कि चीन इससे बेहद चिंतित है और इसका सख्ती से विरोध करता है. गेंग ने कहा, ‘अमेरिकी गतिविधियां अंतरिक्ष के शांतिपूर्ण इस्तेमाल पर अंतरराष्ट्रीय आम सहमति का गंभीर उल्लंघन है, वैश्विक रणनीतिक संतुलन और स्थिरता को हानि पहुंचा रही हैं और अंतरिक्ष में शांति तथा सुरक्षा के लिए सीधा खतरा है.’
वर्ष 2003 के बाद से चीन का अंतरिक्ष कार्यक्रम तेजी से आगे बढ़ा है. बीते फरवरी पेंटागन ने एक रिपोर्ट में कहा था कि चीन और रूस ने ऐसी प्रौद्योगिकी विकसित करने के लिए बड़े प्रयास शुरू कर दिए हैं जिनकी मदद से वे संघर्ष के हालात में अमेरिका और उसके सहयोगियों के उपग्रहों को नष्ट कर सकते हैं या उनमें गड़बड़ी पैदा कर सकते हैं। वर्ष 2007 में चीन ने अपनी ही बेकार हो चुके एक उपग्रह पर मिसाइल से हमला किया था जिसके परिणामस्वरूप अंतरिक्ष में बहुत मलबा फैल गया था.
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गेंग ने इन चिंताओं को निराधार आरोप बताया है. चीन ने कहा कि उसने अंतरिक्ष के शस्त्रीकरण का हमेशा विरोध किया है और मानता है कि अंतरिक्ष में हथियार नियंत्रण पर अंतरराष्ट्रीय संधियों पर बात करने की जरूरत है. अमेरिका ने हाल ही में रक्षा मंत्रालय के तहत पूर्ण विकसित अमेरिकी अंतरिक्ष बल का गठन किया है. अंतरिक्ष बल अमेरिकी सेना का छठा आधिकारिक बल होगा. अन्य बलों में थलसेना, वायुसेना, नौसेना, मरीन और तटरक्षक बल शामिल है.
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रक्षा मंत्री मार्क एस्पर ने शुक्रवार को कहा, 'अंतरिक्षीय क्षमताओं पर हमारी निर्भरता बहुत तेजी से बढ़ी है और आज बाहरी अंतरिक्ष अपने आप में किसी युद्ध क्षेत्र में तब्दील हो गया है.' उन्होंने कहा, 'इस क्षेत्र में अमेरिकी वर्चस्व को बरकरार रखना अब अमेरिकी अंतरिक्ष बल का मिशन है.'
Source : Bhasha