चीन ने बुधवार को दावा किया कि पिछले दो दिनों में कोरोना वायरस के नए संदिग्ध मामलों की संख्या घटी है. इससे उम्मीदें जगी हैं कि कारगर उपायों की बदौलत इसके प्रसार को नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है. वहीं, देश में मृतकों की संख्या करीब 500 हो गयी है. मृतकों की संख्या बढ़ने के बीच हांगकांग ने कहा कि चीन से आने वाले सभी लोगों को शनिवार से दो सप्ताह तक जरूरी पृथक निगरानी में रहना होगा. घातक कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के मकसद से हांगकांग की मुख्य कार्यकारी अधिकारी कैरी लाम ने बुधवार को इन कदमों की घोषणा की. चीन में घातक कोरोना वायरस से मरने वालों की संख्या बढ़कर 491 हो गई और इसके 24,324 मामलों की पुष्टि हुई है. दूसरे देशों में वायरस के मामलों की संख्या बढ़कर 182 हो गयी.
फिलीपीन में पहली मौत का मामला सामने आया जबकि हांगकांग ने रविवार को एक व्यक्ति की मौत की पुष्टि की थी . वायरस से मुकाबले के बीच कंबोडिया के प्रधानमंत्री हुन सेन का यहां पर स्वागत किया गया. दौरे के पहले हुन ने कोरोना वायरस से सबसे ज्यादा प्रभावित वुहान जाने की घोषणा कर खूब सुर्खियां बटोरी थी . चीन ने हुन सेन की तरफ से प्रदर्शित एकजुटता की भावना की सराहना की लेकिन कहा कि वह वुहान नहीं जाएंगे. बीजिंग के वफादार हुन सेन का एयरपोर्ट पर चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने स्वागत किया और बाद में वह राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मिले.
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पाकिस्तान की तरह कंबोडिया ने भी चीन से अपने छात्रों और राजनयिकों को वहां से निकालने से इनकार कर दिया . हुन सेन ने बीजिंग के प्रति एकजुटता दिखाते हुए उड़ानें भी रद्द नहीं की जबकि वायरस के संक्रमण के डर से कई बड़ी एयरलाइनों ने सेवा रोक दी है . चीन के राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग ने बताया कि मंगलवार को 3,971 नए मामलों की पुष्टि हुई है. सोमवार को 5,072 और रविवार को 5,173 मामले सामने आए थे यह मामलों में गिरावट का संकेत है.
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चीनी अधिकारियों ने कहा कि वुहान में विशेष अस्पतालों के बनने से मामले और घटेंगे . भारत वुहान से अपने 647 छात्रों को निकाल चुका है . मालदीव के सात लोग भी निकाले गए हैं . श्रीलंका और बांग्लादेश ने भी अपने नागरिकों को निकाला है . पाकिस्तान के सैकड़ों छात्र वुहान और हुबेई प्रांत में फंसे हैं लेकिन उसने वहां से अपने लोगों को यह कहते हुए निकालने से मना कर दिया कि चीन ने उनकी समुचित देखभाल का वादा किया है.