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चीन ने फैला रखे हैं दुनिया भर में अपने जासूस, सरकारों-कंपनियों में भी घुसपैठ

लीक डाटा में सीसीपी सदस्यों की पहचान से जुड़े दस्तावेज, पार्टी में पोजीशन, राष्ट्रीय पहचान पत्र नंबर, जाति समेत फोन नंबर तक शामिल हैं.

लीक डाटा में सीसीपी सदस्यों की पहचान से जुड़े दस्तावेज, पार्टी में पोजीशन, राष्ट्रीय पहचान पत्र नंबर, जाति समेत फोन नंबर तक शामिल हैं.

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Nihar Saxena
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China CCP Members

चीन के लिए जासूसी करने वाले सीसीपी सदस्यों का दाटा लीक.( Photo Credit : न्यूज नेशन)

अब तक के सबसे बड़े खुलासे में चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के सदस्यों की जानकारी लीक हो गई है. चीन के लगभग 20 लाख सीसीपी सदस्यों की पहचान दुनिया के सामने आ गई है. इससे न सिर्फ यह पता चला है कि चीन के लिए सीसीपी सदस्य बन जासूसी करने वाले लोग दुनिया में कहां-कहां बैठे हुए हैं, बल्कि यह भी पता चल रहा कि सीसीपी अध्यक्ष और राष्ट्रपति शी जिनपिंग के नेतृत्व में सरकार और कम्युनिस्ट पार्टी किस तरह कामकाज करती है. लीक डाटा से पता चलता है कि सीसीपी सदस्य रक्षा कंपनियों से लेकर बैंक तो फार्मा कंपनियों में बैठे हैं.

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सीसीपी सदस्यों की पूरी जानकारी लीक
इस लीक डाटा में सीसीपी सदस्यों की पहचान से जुड़े दस्तावेज, पार्टी में पोजीशन, राष्ट्रीय पहचान पत्र नंबर, जाति समेत फोन नंबर तक शामिल हैं. रोचक बात यह है कि इस लीक डाटा से सिर्फ सीसीपी सदस्यों के बारे में ही पता नहीं चल रहा है. बल्कि यह भी सामने आया है कि ये सदस्य ब्रिटेन से लेकर अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया तक में फैले हुए हैं. गौरतलब है कि चीन पर दूसरे देशों में जासूसी के आरोप लगते आए हैं. अब इस लीक डाटा से पुष्टि होती है कि उसके लिए जासूसी करने वाले सरकारी संस्थाओं समेत दुनिया की बड़ी कंपनियों तक में बैठे हुए हैं. 

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ब्रिटिश दूतावास तक में घुसपैठ
ब्रिटेन में दावा किया जा रहा है कि यहां की कॉन्सुलेट, यूनिवर्सिटीज और कुछ कंपनियों में चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के वफादार सदस्य मौजूद हैं. डाटा लीक से साफ दिखता है कि बीजिंग ने ब्रिटेन के हर कोने में अपना असर फैलाने की कोशिश की है. इसमें डिफेंस कंपनियों, बैंक से लेकर फार्मा कंपनियां तक शामिल हैं. इसमें सबसे खतरनाक मौजूदगी शंघाई के ब्रिटिश कॉन्सुलेट में बताई जा रही है. डाटा लीक से पता चलता है कि ज्यादातर सदस्य शंघाई से ही हैं.

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कई देशों की सुरक्षा पर गहरा सवाल
सीनियर वाइटहॉल इंटेलिजेंस सूत्रों का कहना है कि इस जानकारी से सुरक्षा पर सवाल खड़ा हो गया है. जिस ऑफिस में ये अधिकारी है, वहां ब्रिटेन की सिक्यॉरिटी सर्विस के कर्मचारी भी हैं। ऐसे में हो सकता है कि वह उनकी पहचान कर रहा है. सेंट ऐंड्रू यूनिवर्सिटी, एयरोस्पेस इंजिनियरिंग-केमिस्ट्री रिसर्च, ब्रिटेन की एचएसबीसी और स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक, फाइजर और एस्ट्राजेंका जैसी फार्मा कंपनियों, एयरबस, बोइंग और रॉल्स रॉयस में पार्टी के सदस्य हैं या रह चुके हैं. यह डाटा एक व्हिसल ब्लोअर ने लीक किया है. 

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एक बागी ने ही किया डाटा लीक
यह डाटाबेस टेलीग्राम पर लीक हुआ है और चीन के एक बागी ने इंटरपार्लमेंटरी अलायंस ऑन चीन को दी. चीनी कम्युनिस्ट पार्टी में कुल 9.2 करोड़ सदस्य हैं लेकिन इसमें शामिल होने के लिए प्रतियोगिता काफी तेज रहती है. इसके लिए आवेदन देने वाले 10 में से सिर्फ एक शख्स को पार्टी में शामिल किया जाता है. सुरक्षा सूत्रों का मानना है कि शुरुआती डाटा लीक लीक इस बागी के जरिए ही आए हैं. अब शी जिनपिंग के लिए दुनिया भर में सफाई देना आसान नहीं होगा. हालांकि इसका असर उन कंपनियों औऱ संस्थाओं पर भी पड़ेगा, जो अपनी सुरक्षा करने में नाकाम रही हैं.

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