भारत को निकट भविष्य में ऑटो पार्ट्स और टेक्सटाइल सहित अन्य क्षेत्रों में पाकिस्तान से कड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। चीन के सरकारी मीडिया ने यह दावा किया है।
ग्लोबल टाइम्स ने एक रिपोर्ट में कहा इस बात को लेकर कोई संदेह नहीं है कि कुछ लोग तर्क दे सकते हैं कि विनिर्माण क्षमता के मामले में भारत और पाकिस्तान के बीच अभी भी काफी अंतर है। लेकिन बेहतर बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (बीआरआई) संपर्क के साथ-साथ पाकिस्तान में चीनी कंपनियों द्वारा लगातार बढ़ते निवेश के साथ वह तेजी से बदलाव के लिए पूरी तरह से तैयार है।
इसमें कहा गया है इन सब कारणों से वह भारत के लिए एक नई चुनौती बन सकता है क्योंकि निकट भविष्य में ऑटो पार्ट्स और टेक्सटाइल सहित क्षेत्रों में पाकिस्तान से काफी चुनौतियां मिलने की संभावना है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि वर्ष 2015 से, चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) ने पाकिस्तान में सीधे तौर पर 75,000 से अधिक नौकरियों के अवसर पैदा किए हैं। इस बीच, चीन ने भी वहां विभिन्न परियोजनाओं में भारी निवेश किया है। यह अनुमान लगाया जा सकता है कि एक बार सीपीईसी के पूरा हो जाने के बाद पाकिस्तान में और अधिक निवेश किया जाएगा, जो उसके विनिर्माण आधार में सुधार के लिए काफी अनुकूल होगा।
ग्लोबल टाइम्स ने बताया दोनों के बीच तुलना की जाए तो इसे स्वीकारने में कोई गुरेज नहीं है कि भारत के पास एक विनिर्माण शक्ति बनने के कई फायदे हैं, लेकिन इसमें दीर्घकालिक विनिर्माण विकास के लिए कुछ चीजों का भी अभाव है। भारत में खराब बुनियादी ढांचा, अशिक्षित श्रम शक्ति और व्यापार तथा निवेश संरक्षणवाद भारतीय विनिर्माण उद्योग की लंबी अवधि के विकास पर एक तरह से दबाव कारक बन सकते हैं ।
इस दिशा में कुछ हद तक सीपीईसी के माध्यम से स्थानीय अर्थव्यवस्था और विनिर्माण को बढ़ावा देने तथा पाकिस्तान के कपड़ा उद्योग का तेजी से विकास चीन के प्रयासों की एक छोटी पहल है।
इसमें कहा गया है कि लंबे समय तक खराब परिवहन सुविधाएं और ऊर्जा की कमी पाकिस्तान की आर्थिक तथा सामाजिक प्रगति की राह में दो प्रमुख बाधाएं मानी जाती रही हैं। सीपीईसी निर्माण ने बीआरआई मार्ग के साथ परिवहन, बिजली आपूर्ति, सड़क संचार और अन्य बुनियादी ढांचे में काफी सुधार किया है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान में चीनी टेक्सटाइल्स कंपनियों के किए गए निवेश के साथ-साथ बीआरआई निर्माण से बेहतर संपर्क ने भी स्थानीय कपड़ा उद्योग के विकास में योगदान दिया है।
रिपोर्ट के मुताबिक चीन और पाकिस्तान के बीच आर्थिक एवं सामाजिक सहयोग सीपीईसी के जरिए एक व्यवस्थित तरीके से आगे बढ़ रहा है जो पाकिस्तान के आर्थिक तथा सामाजिक विकास को सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
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Source : IANS