चीन ने अरुणाचल प्रदेश को अपना हिस्सा बताते हुए बदल दिए 6 जगहों के नाम
चीनी मीडिया ने कहा है कि इस कदम का उद्देश्य इस राज्य पर चीन के दावे को दोहराना था।
नई दिल्ली:
दलाई लामा की अरूणाचल यात्रा के विरोध में चीन ने अरुणाचल के 6 स्थानों का नाम बदल दिया है। चीन ने ये फैसला दलाई लामा की अरूणाचल यात्रा के विरोध में भारत के समक्ष कड़ा विरोध दर्ज कराने के कुछ ही दिन बाद लिया है।
सरकारी मीडिया ने कहा है कि इस कदम का उद्देश्य इस राज्य पर चीन के दावे को दोहराना था।
चीन इस राज्य को 'दक्षिण तिब्बत' कहता है। सरकारी ग्लोबल टाइम्स की खबर के अनुसार, "चीन के नागरिक मामलों के मंत्रालय ने 14 अप्रैल को घोषणा की थी कि उसने केंद्र सरकार के नियमों के अनुरूप 'दक्षिण तिब्बत' जिसे भारत अरूणाचल प्रदेश कहता है के छह स्थानों के नामों का चीनी, तिब्बती और रोमन वर्णों में मानकीकरण कर दिया है।''
और पढ़ें : बाबरी विध्वंस मामला: सुप्रीम कोर्ट का आदेश- आडवाणी, जोशी, उमा के खिलाफ चलेगा आपराधिक साजिश का मुकदमा
रोमन वर्णों का इस्तेमाल कर रखे गए छह स्थानों के नाम वोग्यैनलिंग (Wo'gyainling), मिला री (Mila Ri), कोईदेंगारबो री (Qoidêngarbo Ri), मेनकुका (Mainquka), बूमो ला (Bümo La) और नमकापब री (Namkapub Ri) है।
बता दें कि भारत और चीन की सीमा पर 3488 किमी लंबी वास्तविक नियंत्रण रेखा विवाद का विषय रहा है।
चीन अरूणाचल प्रदेश को दक्षिण तिब्बत कहता है जबकि भारत का कहना है कि विवादित क्षेत्र अक्सई चिन क्षेत्र है, जिसे चीन ने वर्ष 1962 के युद्ध में कब्जा लिया था। दोनों पक्ष अब तक सीमा विवाद को हल करने के लिए विशेष प्रतिनिधियों के साथ 19 वार्ताएं कर चुके हैं।
और पढ़ें: भरी सभा में डोनाल्ड ट्रंप की पत्नी मेलानिया ने मारी कोहनी, जानें क्यों (VIDEO)
अखबार के अनुसार, छह स्थानों के नामों के मानकीकरण पर टिप्पणी करते हुए चीनी विशेषज्ञों ने कहा कि यह कदम ‘‘विवादित क्षेत्र में देश की क्षेत्रीय संप्रभुता को सुनिश्चित करने के उठाया गया है।’
बीजिंग की मिंजू यूनिवर्सिटी ऑफ चाइना में ‘एथनिक स्टडीज’ के प्रोफेसर जियोंग कुनजिन के हवाले से कहा गया, ‘‘मानकीकरण का यह कदम एक ऐसे समय पर उठाया गया है, जब दक्षिण तिब्बत के भूगोल को लेकर चीन की समझ और इसके प्रति मान्यता बढ़ रही है। स्थानों के नाम तय करना दक्षिण तिब्बत में चीन की क्षेत्रीय अखंडता की पुष्टि की दिशा में उठाया गया कदम है।’
आईपीएल 10 से जुड़ी हर बड़ी खबर के लिए यहां क्लिक करें
जियोंग ने कहा कि क्षेत्रों के नामों को वैध रूप देना कानून का हिस्सा है। तिब्बत एकेडमी ऑफ सोशल साइंसेज में एक शोधार्थी गुओ केफन ने कहा, ‘ये नाम प्राचीन समय से अस्तित्व में हैं लेकिन ये पहले कभी मानकीकृत नहीं थे। इसलिए इन नामों की घोषणा एक तरह से उसका इलाज है।
इसे भी पढ़ें: PM मोदी ने ऑस्ट्रेलियाई पीएम के साथ किया मेट्रो का सफर, घूमने पहुंचे अक्षरधाम मंदिर
Don't Miss
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
-
Viral Videos: आलिया-रणबीर से लेकर ऋतिक-सबा तक, स्टार स्टडेड डिनर में शामिल हुए ये सितारे
-
Bipasha Basu-Karan Singh Grover: शादी के 8 साल बाद भी एक-दूजे को बेहद चाहते हैं बिपाशा और करण, इंस्टा पर दिया प्यार का सबूत
-
Deepika Chikhlia Net Worth: हर मामले में राम जी से आगे रहीं सीता मां, राजनीति से लेकर संपत्ति तक दी टक्कर, जानें नेटवर्थ
धर्म-कर्म
-
Maa Laxmi Shubh Sanket: अगर आपको मिलते हैं ये 6 संकेत तो समझें मां लक्ष्मी का होने वाला है आगमन
-
Premanand Ji Maharaj : प्रेमानंद जी महाराज के इन विचारों से जीवन में आएगा बदलाव, मिलेगी कामयाबी
-
Aaj Ka Panchang 29 April 2024: क्या है 29 अप्रैल 2024 का पंचांग, जानें शुभ-अशुभ मुहूर्त और राहु काल का समय
-
Arthik Weekly Rashifal: इस हफ्ते इन राशियों पर मां लक्ष्मी रहेंगी मेहरबान, खूब कमाएंगे पैसा