/newsnation/media/post_attachments/images/2018/10/27/940073818-Rafalefighterjetsdeal-6-61.jpg)
प्रतीकात्मक तस्वीर
केंद्र सरकार ने शनिवार को सीलबंद लिफाफे में राफेल डील को लेकर निर्णय लेने की प्रक्रिया से जुड़ी जानकारियां सुप्रीम कोर्ट को सौंप दी. इससे पहले 10 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से 36 राफेल लड़ाकू विमानों की खरीद के संबंध में निर्णय लेने की प्रक्रिया का ब्योरा मांगा था. मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायाधीश संजय किशन कौल और न्यायाधीश केएम जोसेफ की पीठ ने स्पष्ट किया था कि मांगी गई जानकारी जेट विमानों की कीमत या उपयुक्तता से संबंधित नहीं है.
Central government has submitted before Supreme Court the details of decision making process in the #Rafale deal with France with Court Secretary General, in sealed cover. pic.twitter.com/XxkUYbO7Em
— ANI (@ANI) October 27, 2018
मामले की सुनवाई 29 अक्टूबर यानी सोमवार को होनी है, उससे पहले ही पीठ के आदेशानुसार सूचना को सीलबंद कवर में 27 अक्टूबर को ही सौंप दी गई है. बता दें कि विपक्ष राफेल की कीमतों को लेकर सरकार पर गंभीर आरोप लगा रहा है और इसी के तहत मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है.
सुप्रीम कोर्ट ने बिना नोटिस जारी किए केंद्र से रिपोर्ट मांगी थी. कोर्ट ने कहा कि वह डिफेंस फोर्सेज के लिए राफेल विमानों की उपयुक्तता पर कोई राय व्यक्त नहीं कर रहे हैं. बेंच ने कहा, 'हम सरकार को कोई नोटिस जारी नहीं कर रहे हैं, हम केवल फैसला लेने की प्रक्रिया की वैधता से संतुष्ट होना चाहते हैं.' बेंच ने यह भी साफ किया है कि वह राफेल डील की तकनीकी डीटेल्स और कीमत के बारे में सूचना नहीं चाहता है.
इससे पहले वकील मनोहर लाल और विनीत ढांडा ने इस बारे में याचिका दायर कर फ्रांस और भारत के बीच समझौता को सार्वजनिक करने की मांग की थी. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से राफेल डील की पूरी प्रक्रिया की जानकारी कोर्ट में देने को कहा है.