गुलाम देश की आजादी का जश्न- अफगानिस्तान का स्वतंत्रता दिवस

अफगानिस्तान के झंडे के विभिन्न दुस्तान की तरह तीन रंग है. अफगानिस्तान भी हिंदुस्तान की तरह ही अंग्रेजी हुकूमत की पराधीनता से स्वाधीन हुआ और दोनों के स्वाधीनता दिवस में भी चंद दिनों का अंतर है.

अफगानिस्तान के झंडे के विभिन्न दुस्तान की तरह तीन रंग है. अफगानिस्तान भी हिंदुस्तान की तरह ही अंग्रेजी हुकूमत की पराधीनता से स्वाधीन हुआ और दोनों के स्वाधीनता दिवस में भी चंद दिनों का अंतर है.

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Deepak Pandey
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गुलाम देश की आजादी का जश्न- अफगानिस्तान का स्वतंत्रता दिवस( Photo Credit : फाइल फोटो)

Independence Day of Afghanistan : अफगानिस्तान (Afghanistan) में फिर तालिबानी राज (Taliban Terrorist) की वापसी हो गई है. अफगानिस्तान के कुनार में तालिबानी लड़ाकों ने फायरिंग की है. अफगानिस्तान के 34 प्रांतों में से एक कुनार प्रांत के लोग आजादी का जश्न मना रहे थे, इसी दौरान तालिबानियों ने उन पर गोलीबारी कर दी थी. वहीं, तालिबान ने अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई और राष्ट्रीय सुलह के लिए उच्च परिषद के अध्यक्ष अब्दुल्ला अब्दुल्ला से मुलाकात की. आतंकवादी समूह युद्धग्रस्त देश में एक नई सरकार का गठन करना चाह रहा है.

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अफगानिस्तान के झंडे के विभिन्न दुस्तान की तरह तीन रंग है. अफगानिस्तान भी हिंदुस्तान की तरह ही अंग्रेजी हुकूमत की पराधीनता से स्वाधीन हुआ और दोनों के स्वाधीनता दिवस में भी चंद दिनों का अंतर है. 15 अगस्त को भारत को आजादी मिली और 19 अगस्त को अफगानिस्तान को... भले ही तालिबान अफगानिस्तान का झंडा बदलना चाहता हो, लेकिन अफगानिस्तान के नागरिक स्वाधीनता दिवस पर राजधानी दिल्ली में अफगानिस्तान की आजादी का जश्न मन रहे हैं.

अफगानिस्तान का झंडा जिनके हाथों में है, उनकी आंखों से आंसू नहीं रुक रहे हैं, चेहरे पर स्वाधीनता की खुशी नहीं है, बल्कि इस बात का गम है कि आज उनका मुल्क तालिबान के आतंकवादियों के हवाले हैं और गुलाम बन चुका है. अफगानिस्तान के झंडे में तीन रंग है- पहला रंग काला है, जो अफगानिस्तान में तालिबान जैसे हुकूमत के अफसोस के निशानी है, दूसरा रंग लाल है जो युद्ध और लहू को दिखाता है और तीसरा रंग हरा हरा जो खुशहाली का प्रतीक है, लेकिन लगता है कि मौजूदा समय का गृह युद्ध लाल और आगे का भविष्य तालिबान के हाथों काला ही नजर आता है.

छोटे बच्चे जिन्होंने कभी अफगानिस्तान देखा नहीं होगा अपने राष्ट्रगान गोगा रहे हैं, उन्हें लगता है कि किसी दिन ऐसा मौका जरूर आएगा जब वह भी अपने मुल्क बाशिंदे बनेंगे. अफगानिस्तान की युक्तियां नम आंखों से तालिबान की त्रासदी याद कर रही हैं. अफगानिस्तान के लोग तो तालिबान का झंडा जलाना चाहते हैं, उन्हें पैरों तले कुचलना चाहते हैं, लेकिन तालिबान के झंडे में कुरान की आयतें लिखी हैं, लिहाजा झंडा नीचे कर दिया गया है पर जलाया नहीं गया.

HIGHLIGHTS

  • अफगानिस्तान में फिर तालिबानी राज की वापसी
  • अफगानिस्तान के कुनार में तालिबानी लड़ाकों ने फायरिंग की
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