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पाकिस्तान और तहरीक-ए-तालिबान के बीच सीजफायर खत्म, शरिया कानून को लेकर जंग का ऐलान

यह बात पूरी दुनिया जानती है कि पाक सरकार, सेना और वहां की सरजमीं पर ही तालिबान ने दैत्याकार आकार लिया.

Updated on: 10 Dec 2021, 06:25 PM

नई दिल्ली:

पाकिस्तान तालिबान के साथ शैतानी खेल में फंस गया. जिस तालिबान को पाल-पोस कर पाकिस्तान ने बड़ा किया, अब वही तालिबान पाकिस्तान को निगलना चाह रहा है. यह बात पूरी दुनिया जानती है कि पाक सरकार, सेना और वहां की सरजमीं पर ही तालिबान ने दैत्याकार आकार लिया. अफगानिस्तान में अमेरिकीपरस्त सरकार को हटाने के लिए पाकिस्तान ने दोहरी चाल चली. पाक हुक्मरान अमेरिका सरकार से आर्थिक मदद भी लेते रहे, और तालिबान की मदद भी करते रहे.

तालिबान अफगानिस्तान में सत्ता हस्तांतरण और शरिया लागू करने के बाद अब पाकिस्तान में इस्लामी कानून लागू करना चाहता है. पाक प्रधानमंत्री इमरान खान अब तालिबान की नाजायज मांगों को पूरा करने में अपने असमर्थ महसूस कर रहे हैं. पाक सेना का एक धड़ा तालिबान के साथ सहयोगात्मक रूख रख रहा है. ऐसे में पाकिस्तान में तालिबान अब खुलेआम अपनी मनमर्जी पर उतर आया है.

तालिबान ने अब पाकिस्तान के साथ एक बार फिर जंग का ऐलान कर दिया है. पाकिस्तान और तहरीक-ए-तालिबान के बीच सीजफायर चल रहा था लेकिन अब तालिबान ने कहा है कि वो इस सीजफायर को खत्म कर रहे हैं. तालिबान ने अपने लड़ाकुओं से कहा है कि वो अब पाकिस्तान पर हमला शुरू करें. तालिबान ने पाकिस्तान की इमरान खान सरकार पर आरोप लगाया है कि वो उनके पूर्व में लिए गए फैसलों को सम्मान नहीं दे रही है. गुरुवार को तालिबान ने इमरान खान सरकार के साथ पिछले एक महीने से चले आ रहे सीजफायर को खत्म करने का ऐलान कर दिया. 

एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इससे पहले टीटीपी और पाकिस्तान के बीच वार्ता के कई दौर चले थे. अफगान तालिबान, पाकिस्तान और टीटीपी के बीच मध्यस्थता कराने के लिए राजी हुआ था और वो दोनों ही तरफ से इसमें अपनी भूमिका निभा रहा था.

25 अक्टूबर 2021 को पाकिस्तान सरकार और टीटीपी 6 बिंदुओं पर समझौते के करीब पहुंचे थे. इसके अलावा दोनों ही तरफ से सीधे फेस-टू-फेस बातचीत भी अफगानिस्तान के साउथ-वेस्टर्न खोस्ट प्रक्षेत्र में करीब दो हफ्ते पहले हुई थी. इसमें दोनों के बीच शांति बनाए रखने को लेकर चर्चा हुई थी. 

हालांकि, टीटीपी ने पाकिस्तान से सीजफायर रोकने के लिए शरिया कानून लागू करने और आदिवासी इलाकों को उनके पूर्व का स्टेटस देने की शर्त कायम रखी है. शरिया कानून को लेकर इमरान सरकार से टीटीपी की बात नहीं बन पाई है.

टीटीपी के नेता मुफ्ति नूर वली महसूद ने पाकिस्तान के साथ सीजफायर खत्म होने का ऐलान किया. इतना ही हीं उन्होंने अपने लड़ाकुओं से कहा कि वो अब हमला शुरू करें. बता दें कि टीटीपी के इस ऐलान के बाद अब एक बार फिर पाकिस्तान में शांति व्यवस्था को भारी नुकसान पहुंचने की आशंका है.