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Nuclear Explosion( Photo Credit : Representative Pic)
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Nuclear Powered Myanmar: हिंदुस्तान यूं तो दुश्मनों से घिरा देश है. मित्र देश भी खूब हैं, लेकिन वो या तो दूर-दराज हैं या कमजोर. दुश्मनों के मामले में हिंदुस्तान का कोई जवाब नहीं. पूरब हो या पश्चिम या फिर उत्तर, हमारे दुश्मन...
Nuclear Explosion( Photo Credit : Representative Pic)
Nuclear Powered Myanmar: हिंदुस्तान यूं तो दुश्मनों से घिरा देश है. मित्र देश भी खूब हैं, लेकिन वो या तो दूर-दराज हैं या कमजोर. दुश्मनों के मामले में हिंदुस्तान का कोई जवाब नहीं. पूरब हो या पश्चिम या फिर उत्तर, हमारे दुश्मन परमाणु ताकत से संपन्न हैं. दोनों से ही युद्ध भी हो चुके हैं. इस बीच, भारत का एक और पड़ोसी परमाणु बम बनाने की दिशा में आगे बढ़ रहा है. जी हां, भारत की पूर्वी सीमा साझा करने वाला म्यांमार भी परमाणु बम से लैस होने जा रहा है. म्यांमार यूं तो अपनी ही समस्याओं से घिरा हुआ है. भारत के साथ उसके विवाद भी अपेक्षाकृत कम ही हैं. लेकिन सबसे बड़ा डर मिलिटरी डिक्टेटरशिप की है. वो मौजूदा समय में म्यांमार की सत्ता संभाले है. ऐसे में भारत के तीसरे पड़ोसी का भी परमाणु बम बनाना खतरे की घंटी तो है ही.
भारत के लिए चिंता का विषय!
भारत के लिए म्यांमार का परमाणु शक्ति संपन्न होना चिंता की बात इसलिए है, क्योंकि भले ही मौजूदा दौर में पूर्वोत्तर में फैले अलगाववादी संगठन भारत सरकार से बातचीत कर रहे हैं. इन संगठनों पर कार्रवाई के दौरान म्यांमार सेना से भी सहयोग मिल रहा है, लेकिन म्यांमार की सैन्य तानाशाही चीन और उत्तर कोरिया के बेहद करीब है. ऐसे में जिस तरह परोक्ष रूप से चीन जापान और दक्षिण कोरिया को परेशान करने के लिए उत्तर कोरिया के एटम बम का डर दिखाता है, वैसी स्थिति भविष्य में म्यांमार के जरिए भारत पर दबाव बनाने के लिए भी वह कर सकता है.
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सैन्य तानाशाही परमाणु बम बनाने के करीब
दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर बीडब्ल्यू पांडे का कहना है कि भारत के पड़ोस में पहले से ही चीन और पाकिस्तान परमाणु शक्ति संपन्न देश है. ऐसे में म्यांमार का एटॉमिक पावर बनना भारत के लिए मौजूदा खतरा भले ही न हो, लेकिन भविष्य की चिंता जरूर पैदा करता है. म्यामार यानी बर्मा बीते दो दशकों से एटम बम बनाने की सीढ़ियां धीरे धीरे चल रहा है. हालांकि सिविल न्यूक्लियर रिएक्टर जो बिजली बनाने के लिए इस्तेमाल में आता है. उससे परमाणु बम बनाना इतना भी आसान नहीं है. वैसे, म्यांमार ने 26 सितंबर 2018 में परमाणु हथियार निषेध संधि (NPT) पर हस्ताक्षर तो किए, लेकिन सेना के दबाव में इसे कभी भी लागू नहीं किया गया. मौजूदा समय में म्यांमार की सैन्य तानाशाही उत्तर कोरिया और चीन की मदद से परमाणु बम बनाने के बेहद करीब पहुंचते हुए नजर आ रही है.
धीरे-धीरे परमाणु शक्ति संपन्न बन रहा म्यांमार
चीन की शहर पश्चिमी मोर्चे पर पहले ही पाकिस्तान परमाणु बम के खतरे के साथ मौजूद है. ऐसे में अगर बर्मा भी ड्रैगन की मदद से एटम बम बनाने में कामयाब रहा तो, भारत के लिए उत्तर में चीन, पश्चिम में पाकिस्तान और पूर्व में म्यांमार तीनों दिशाओं में परमाणु शक्ति संपन्न देश खतरे की घंटी बजाते हुए नजर आएंगे.
HIGHLIGHTS
Source : Rahul Dabas