रूस के हाइपरसोनिक मिसाइल प्रोजेक्ट में सेंध, 3 वैज्ञानिक देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार

नोवोसिबिर्स्क इंस्टीट्यूट ऑफ थियोरेटिकल एंड एप्लाइड मैकेनिक्स रूसी एकेडमी ऑफ साइंस के सैद्धांतिक संस्थान की साइबेरियाई शाखा है. वह नोवोसिबिर्स्क के तीसरे शीर्ष रूसी वैज्ञानिक हैं जिन्हें पिछले डेढ़ महीने में गिरफ्तार किया गया

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Pradeep Singh
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रूसी वैज्ञानिक आंद्रेई शिपलुक( Photo Credit : News Nation)

रूस- यूक्रेन जंग के बीच रूस के हाइपरसोनिक्स प्रयोगशाला से सूचनाओं को लीक करने की खबर सामने आ रही है. यह सूचना और कोई नहीं बल्कि वहां का प्रमुख वैज्ञानिक ही कर रहा था. शीर्ष-गुप्त हाइपरसोनिक मिसाइलों में शामिल होने वाले रूसी वैज्ञानिक आंद्रेई शिपलुक को साइबेरिया में राजद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. पिछले डेढ़ महीने में वहां कुल तीन वैज्ञानिकों को सूचना लीक करने के आरोप में गिरफ्तार किया जा चुका है. शिपलुक नोवोसिबिर्स्क इंस्टीट्यूट ऑफ थियोरेटिकल एंड एप्लाइड मैकेनिक्स में हाइपरसोनिक्स प्रयोगशाला के प्रमुख थे. हाल के वर्षों में, उन्होंने हाइपरसोनिक मिसाइल सिस्टम विकसित करने के लिए अनुसंधान का समन्वय भी किया.

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यूक्रेन के खिलाफ रूस का युद्ध जारी है और पुतिन ने शक्ति के प्रदर्शन में नई हाइपरसोनिक जिरकोन एंटी-एयरक्राफ्ट कैरियर मिसाइल का परीक्षण किया है. रूस का ऐसा दावा है कि यह मिसाइल अजेय है और यह भी कहा कि एक और मिसाइल, सटन -2 14 हथियारों से लैस है, जिसे विकसित किया जा रहा है. पुतिन का दावा है कि यह दुनिया का सबसे खतरनाक हथियार है. दोनों मिसाइलों के साल के अंत तक दुश्मन के ठिकानों पर दागे जाने के लिए तैयार होने की उम्मीद है.

नोवोसिबिर्स्क इंस्टीट्यूट ऑफ थियोरेटिकल एंड एप्लाइड मैकेनिक्स रूसी एकेडमी ऑफ साइंस के सैद्धांतिक और अनुप्रयुक्त यांत्रिकी संस्थान की साइबेरियाई शाखा है. वह नोवोसिबिर्स्क के तीसरे शीर्ष रूसी वैज्ञानिक हैं जिन्हें पिछले डेढ़ महीने में गिरफ्तार किया गया है. गिरफ्तार किए गए अन्य दो वैज्ञानिक अनातोली मास्लोव और दिमित्री कोलकर थे. इन दोनों पर चीन को राजकीय रहस्य बताने का आरोप था.

दिमित्री कोलकर को मॉस्को के लेफोर्टोवो पूछताछ केंद्र ले जाया गया, जहां दो दिन बाद उनकी मृत्यु हो गई, क्योंकि वे नोवोसिबिर्स्क में उन्नत अग्नाशय के कैंसर का इलाज करवा रहे थे.

शिपलुक की गिरफ्तारी के बाद, रूसी संघीय सुरक्षा सेवा (एफएसबी) ने उसके अपार्टमेंट की तलाशी ली. शिपलुक एक करियर वैज्ञानिक थे, जिन्होंने शीर्ष पदों पर  काम किया. उन्हें 2015 में नोवोसिबिर्स्क में रूसी विज्ञान अकादमी के संस्थान का निदेशक नियुक्त किया गया था.संस्थान के प्रमुख वसीली फोमिन ने पुष्टि की कि शिपलुक को राजद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. "उसे गिरफ्तार कर लिया गया था. उस पर  राजद्रोह के समान आरोप लगाया गया है."  

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रिपोर्टर्स ने यह भी पाया कि शिपलुक ने हाइपरसोनिक मिसाइलों के लिए ऑनलाइन मंचों पर चर्चा की और यह भी बताया कि अपनी सेना 2020 परियोजना में रूसी सेना को कैसे अपडेट किया जाए. एक फोटो थी जिसमें शिपलुक एक टैंक के बगल में पोज देते हुए नजर आ रहा था. शिपलुक को उसके अन्य सहयोगियों की तरह मास्को के लेफोर्टोवो जेल में स्थानांतरित कर दिया गया था. रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के आलोचकों ने उन पर निराधार शक के आधार पर वैज्ञानिकों को गिरफ्तार करने का आरोप लगाया. रूस में राजद्रोह के लिए बीस साल की जेल की सजा है.

Russian President Vladimir Putin Dmitr research and develop Russian scientist Novosibirsk Institute of Theoretical and Applied Mechanics. hypersonic missiles Andrei Shiplyuk chief of the hypersonics laboratory hypersonic missile systems treason in Siberia
      
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