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अमेरिका में बड़े ड्रग रैकेट का भंडाफोड़, बॉलीवुड, दाऊद इब्राहिम और भारतीय फार्मा कंपनी के लिंक सामने आए

अमेरिका की ड्रग एनफोर्समेंट एजेंसी (डीईए) ने एक सबसे बड़े ड्रग रैकेट का भंडाफोड़ किया है, जिसमें एक भारतीय का कनेक्शन सामने आया है.

Updated on: 11 Sep 2019, 08:31 PM

नई दिल्ली:

अमेरिका की ड्रग एनफोर्समेंट एजेंसी (डीईए) ने एक सबसे बड़े ड्रग रैकेट का भंडाफोड़ किया है, जिसमें एक भारतीय का कनेक्शन सामने आया है. अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम के एक पूर्व सहयोगी और कथित तौर पर भारत से संचालित होने वाली एक दवा कंपनी के तार इस रैकेट से जुड़े हैं. इस दवा कंपनी में मैंड्रेक्स और एफेड्रिन जैसे ड्रग का उत्पादन किया जाता था.

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व्यापक जांच में दो पूर्व बॉलीवुड अभिनेत्रियों के पतियों की संलिप्तता भी सामने आई है, जिन पर केन्या से अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मादक पदार्थो की तस्करी करने के आरोप हैं. न्यूयॉर्क के दक्षिणी जिले की जिला अदालत में 25 जुलाई, 2019 को डीईए द्वारा दायर जांच रिपोर्ट में डी-कंपनी के सहयोगी व बॉलीवुड अभिनेत्री ममता कुलकर्णी के पति विक्की गोस्वामी और अभिनेत्री किम शर्मा के पूर्व पति अली पंजानी के नाम का उल्लेख है.

संयोग से अली पंजानी केन्या से भागकर मुंबई पहुंच गया, जहां उसे आखिरी बार अगस्त के अंतिम सप्ताह में बांद्रा के एशियन हार्ट इंस्टीट्यूट में देखा गया था. मोम्बासा (केन्या) पुलिस ने आईएएनएस से फोन पर पुष्टि की कि पंजानी मादक पदार्थ तस्करी मामले में वांछित है. मोम्बासा पुलिस अब भारत में पंजानी को हिरासत में लेने के लिए इंटरपोल से संपर्क कर रही है.

डीईए की रिपोर्ट से पता चला है दक्षिण अफ्रीका में डी-कंपनी के लिए मादक पदार्थ की तस्करी का काम करने वाले विक्की गोस्वामी ने बाद में धंधा करने के लिए केन्या को अपना ठिकाना बना लिया. वहां से उसने मैंड्रैक्स, कोकीन, हशीश, हेरोइन और एफेड्रिन की तस्करी की. उसने शुरू में मोम्बासा में इब्राहिम अकाशा सिंडिकेट के लिए काम किया और बाद में ड्रग सरगना व किम शर्मा के पति अली पंजानी के साथ साझेदारी में इस धंधे को चलाने लगा.

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रिपोर्ट में यह भी उल्लेख है कि ममता कुलकर्णी के पति व दाऊद के सहयोगी गोस्वामी को दुबई की अदालत ने ड्रग तस्करी के आरोप में सजा सुनाई थी. 2013 में जेल से रिहा होने के बाद गोस्वामी ने केन्या से यह काम करना शुरू कर दिया, जहां वह पंजानी के संपर्क में आया. रिपोर्ट के मुताबिक, गोस्वामी ने एक भारतीय डॉ. बिपिन पांचाल से भी संपर्क साधा. मोम्बासा में डॉ. पांचाल और गोस्वामी के बीच एक मीटिंग हुई, जिसमें डॉ. पांचाल ने भरोसा दिलाया कि वह भारत में एक फार्माश्युटिकल कंपनी से एफेड्रिन की आपूर्ति का बंदोबस्त करा देंगे. फिर माल को युगांडा ले जाया जाएगा, जहां उसे मेथेमफेटामाइन में बदला जाएगा.

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डीईए के अधिकारियों ने खुलासा किया है कि जब भारतीय कंपनी कथित तौर पर एफेड्रिन का उत्पादन कर रही थी, तभी उसे रोका गया और कंपनी बंद हो गई. इस रिपोर्ट में कंपनी के नाम का उल्लेख नहीं किया जा रहा है, क्योंकि आईएएनएस उसके मालिकों के नामों का सत्यापन नहीं कर सकी है.

डीईए की रिपोर्ट में कहा गया है कि अंडरकवर एजेंटों ने एक स्टिंग ऑपरेशन शुरू किया और गोस्वामी व इब्राहिम अकाशा के साथ एक ड्रग डील को रिकॉर्ड किया. सबूत के साथ, डीईए ने मोम्बासा में गोस्वामी और इब्राहिम अकाशा सिंडिकेट के सदस्यों को गिरफ्तार करा दिया, जिन्हें बाद में अमेरिका में प्रत्यर्पित किया गया. बाद में गोस्वामी गवाह बन गया और उसने अकाशा सिंडिकेट के सारे राज को खोल कर रख दिया.

गोस्वामी ने दक्षिण अफ्रीकी तस्करों के नामों का भी खुलासा किया, जिनमें से कई के दाऊद इब्राहिम गिरोह के साथ करीबी संबंध हैं. इस बीच, अली पंजानी को गिरफ्तार करने के लिए केन्याई पुलिस, इंटरपोल के जरिए मुंबई पुलिस से संपर्क करने का प्रयास कर रही है, जिसके बारे में पता चला था कि वह मुंबई के एक अस्पताल में सर्जरी करा रहा है.पुलिस के एक सूत्र ने कहा कि अभी तक, अली पंजानी मुंबई में किसी भी मामले में वांछित नहीं है, इसलिए उसके खिलाफ कोई कानूनी कार्रवाई नहीं की जा सकती है.