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पाकिस्‍तान के लिए सबसे बुरी खबर! FATF ने कर दिया ब्‍लैकलिस्‍ट

भारत की पहल पर ही एफएटीएफ ने पाकिस्‍तान को ग्रे लिस्‍ट में डाला था. ग्रे लिस्‍ट में डालने का मतलब पाकिस्‍तान को सुधरने की चेतावनी देना था.

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Sunil Mishra
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पाकिस्‍तान के लिए सबसे बुरी खबर! FATF ने कर दिया ब्‍लैकलिस्‍ट

पाकिस्‍तान के पीएम इमरान खान (फाइल फोटो)

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भारत से उलझने चले पाकिस्‍तान और उसके प्रधानमंत्री इमरान खान को सबसे बड़ा झटका लगा है, जबकि फायनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) ने आखिरकार उसे ब्‍लैकलिस्‍ट (इन्‍हेंस) कर दिया है. भारत पिछले कई साल से पाकिस्‍तान को एफएटीएफ (FATF) से ब्‍लैकलिस्‍ट कराने की कोशिशें करता आ रहा था. भारत की पहल पर ही एफएटीएफ ने पाकिस्‍तान को ग्रे लिस्‍ट में डाला था. ग्रे लिस्‍ट में डालने का मतलब पाकिस्‍तान को सुधरने की चेतावनी देना था. अब एफएटीएफ ग्रुप ने उसे ब्‍लैकलिस्‍ट (इन्‍हेंस) कर दिया है. अब अगर अक्‍टूबर तक पाकिस्‍तान नहीं सुधरता है तो उसे पूरी तरह ब्‍लैकलिस्‍ट कर दिया जाएगा.

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आतंकवादियों के लिए सुरक्षित पनाहगाह मुहैया कराने के लिए फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स पाकिस्‍तान को ब्लैकलिस्ट किया है. एफएटीएफ ने मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकी वित्तपोषण पर 40 में से 32 अनुपालन मानकों पर पाकिस्तान को खरा नहीं पाया. भारतीय अधिकारियों ने समाचार एजेंसी प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया के हवाले से यह जानकारी दी.

एफएटीएफ के 40 पैरामीटर में से पाकिस्‍तान 25 पर खरा नहीं उतरा, जिस पर एफएटीएफ ने यह कदम उठाया है. एफएटीएफ ने यह माना है कि पाकिस्‍तान ने जो एक्‍शन लिए हैं, वह नाकाफी हैं और दिखावे के लिए उसने कुछ कदम उठाए हैं.

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इससे पहले जून में ओरलैंड में हुई टास्‍क फोर्स की बैठक में चीन ने पाकिस्‍तान को ब्‍लैकलिस्‍ट होने से बचा लिया था. तब पाकिस्‍तान को ग्रे लिस्‍ट में बरकरार रखा गया था. सुधरने के लिए अक्‍टूबर तक का समय मिला था. अगर अब अक्‍टूबर तक पाकिस्‍तान नहीं सुधरा तो उसे पूरी तरह ब्‍लैकलिस्‍ट कर दिया जाएगा.

क्या है FATF
FATF दुनिया भर में आतंकियों को आर्थिक मदद पर नजर रखने वाली अंतर्राष्ट्रीय संस्था है. यह एशिया-पैसिफिक ग्रुप मनी लॉन्ड्रिंग, टेरर फाइनेंसिंग, जनसंहार करने वाले हथियारों की खरीद के लिए होने वाली वित्तीय लेन-देन को रोकने का काम करती है. 1989 में इसका गठन मनी लांड्रिंग रोकने के लिए किया गया था. लेकिन 2001 में इसका काम बदल गया और यह आतंकियों को दी जाने वाली वित्तीय मदद पर नजर रखने लगी.

Source : न्यूज स्टेट ब्यूरो

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