चीन की अधिकारिक न्यूज़ एजेंसी की माने तो हाल के दिनों में सीमा पर जो तानातानी देखने को मिल रही है, उसके पीछे चीन की रणनीति है कि भारत पर 'वन बेल्ट वन रोड' (OBOR) को मानने के लिए दबाव बनाया जा सके।
न्यूज़ एजेंसी के मुताबिक भारत और चीन के बीच विवाद सिक्किम-तिब्ब्त-भूटान ट्राइजंक्शन स्थित डोका ला में चीनी सैनिकों द्वारा सड़क निर्माण शुरू करने के बाद हुआ। सड़क निर्माण का ये कार्य OBOR शिखर सम्मेलन के एक सप्ताह के भीतर ही शुरु हुआ। हलांकि भारत ने इस कार्यक्रम में शिरकत करने से इनकार कर दिया था।
चीनी न्यूज एजेंसी शिन्हुआ ने लिखा है कि भारत के मन में चीन को लेकर संदेह था। साथ ही ये चीन के प्रभुत्व को भी दिखाता है यानि की कहीं-न-कहीं भारत को अपने संप्रभुता को लेकर ख़तरा महसूस हुआ। इसलिए भारत ने चीन के प्रस्तावित ओबीओआर से दूर रहने का फैसला लिया। एजेंसी ने ये भी माना कि इसी वजह से सीमा पर दोनों देशों की सेनाओं के बीच गतिरोध देखने को मिल रहा है।
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समाचार एजेंसी ने भारत पर इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोग्राम को लेकर रणनीतिक अदूरदर्शिता दिखाने का भी आरोप लगाया है।
जानकारों का मानना है कि अगर भारत OBOR जॉइन कर लेता है तो चीन सीमा पर गतिरोध ख़त्म करने को लेकर दोबारा विचार कर सकता है।
समीक्षकों का मानना है, 'भूटान और नेपाल के सीमावर्ती क्षेत्रों में निर्माण का काम भारत पर चीनी कार्यक्रमों को स्वीकार करने का दबाव बनाने की कोशिश हो सकती है।'
जबकि दूसरे विश्लेषकों का मानना है कि सीमा पर गतिरोध के कारण चीन द्वारा भारत पर OBOR प्रोग्राम को स्वीकार करने के लिए दबाव बनाने में और मुश्किल आएगी।
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Source : News Nation Bureau