अब कंगाल पाकिस्तान ने अपने रक्षा बजट में की कटौती, सेना ने दी मंजूरी
तमाम तरह की वैश्विक पाबंदियों, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के ऋण की कठोर शर्तों (Riders) और पहाड़ जैसे कर्ज (Debt) के बोझ तले दबे पाकिस्तान ने इतिहास में पहली बार अपने रक्षा बजट (Defense Budget) में कटौती की है.
highlights
- इतिहास में पहली बार पाकिस्तान ने अपने रक्षा बजट में कटौती की है.
- पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था कंगाली की कगार पर जा पहुंची है.
- विशेषज्ञ इस रक्षा बजट कटौती को वैश्विक दबाव और शर्तों का परिणाम बता रहे.
नई दिल्ली.:
तमाम तरह की वैश्विक पाबंदियों, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के ऋण की कठोर शर्तों (Riders) और पहाड़ जैसे कर्ज (Debt) के बोझ तले दबे पाकिस्तान ने इतिहास में पहली बार अपने रक्षा बजट (Defense Budget) में कटौती की है. 1 जुलाई से शुरू होने जा रहे पाकिस्तान के नए वित्तीय बजट के लिए पाक हुक्मरानों ने कलेजे पर पत्थर रखते हुए 'स्वैच्छिक बजट कटौती' का ऐलान किया है. गौरतलब है कि पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था इस समय गर्त में है. विदेशी निवेश ठप्प पड़ा है और विदेशी मुद्रा भंडार भी ना के बराबर है. ऐसे में पाकिस्तान सरकार को अपने अस्तित्व के लिए रक्षा बजट में ऐतिहासिक कटौती पर मजबूर होना पड़ा है.
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इमरान खान ने सेना के इस कदम को सराहा
इस 'स्वैच्छिक बजट कटौती' पर इमरान ख़ान (Imran Khan) ने खुद ट्वीट कर जानकारी दी है. उन्होंने लिखा, 'कई सुरक्षा चुनौतियों के बावजूद आर्थिक संकट की घड़ी में सेना की ओर से अपने ख़र्चे में की कटौती के फ़ैसले का स्वागत करता हूं. हम इन बचाए गए रुपयों को बलूचिस्तान और क़बायली इलाक़ों में ख़र्च करेंगे.' इसके बाद पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता मेजर जनरल आसिफ़ गफ़्फूर ने ट्वीट कर कहा, 'एक साल के लिए सेना के डिफेंस बजट में कटौती का देश की सुरक्षा पर कोई असर नहीं होगा. हम हर ख़तरे को असरदार तरीक़े से जवाब देंगे. तीन सर्विस इस कटौती से होने वाले प्रभाव को संभालने का काम करेंगी. बलूचिस्तान और ट्राइबल इलाक़ों की बेहतरी के लिए ये एक ज़रूरी क़दम था.'
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महज 1 फीसदी लोग ही भरते हैं आयकर
गौरतलब है कि फिलवक्त पाकिस्तान में महज एक फीसदी आबादी ही इनकम टैक्स (Income Tax) भरती है. और तो और, 1.72 बिलियन डॉलर की रकम सिर्फ पूर्व कर्मचारियों के पेंशन (Pension) में खर्च होती है. इसके बाद बची-खुची रकम में 50 फीसदी से ज्यादा पाकिस्तानी सेना पर खर्च होता है. पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक अगले वित्तीय वर्ष का अनुमानित रक्षा बजट 1.270 ट्रिलियन रुपए है, जो कि ख़त्म होते वित्तीय वर्ष (Economic Year) के रक्षा बजट से 170 अरब रुपए ज़्यादा है. इस बजट में पूर्व सैनिकों की पेंशन, रणनीतिक खर्च और स्पेशल सैन्य पैकेज में होने वाले खर्च शामिल हैं.
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जीडीपी का 4 फीसदी था रक्षा बजट
स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट की रिपोर्ट के मुताबिक़, 2018 में पाकिस्तान का कुल सैन्य खर्च 11.4 अरब डॉलर रहा था. यह रकम पाकिस्तान की कुल जीडीपी (GDP) की चार फ़ीसदी के बराबर है. इसकी तुलना में 2018 में भारत का सैन्य ख़र्च क़रीब 66.5 अरब डॉलर रहा था. इस मामले में 649 अरब डॉलर के साथ अमेरिका (US) पहले स्थान पर है. कर्ज की स्थिति यह है कि पिछले ही माह पाकिस्तान को आईएमएफ से 6 अरब डॉलर का बेल आउट पैकेज मिला है. यह अलग बात है कि इसके साथ बेहद कड़ी शर्तें लगाई गई हैं.
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