बांग्‍लादेश के विदेश मंत्री एके अब्दुल मोमन ने अचानक रद्द की भारत की यात्रा

बांग्‍लादेश (Bangladesh) के विदेश मंत्री डा. एके अब्‍दुल मोमेन (Dr. AK Abdul Momen) ने अचानक नई दिल्‍ली (New Delhi) की अपनी यात्रा रद्द कर दी है.

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Sunil Mishra
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बांग्‍लादेश के विदेश मंत्री एके अब्दुल मोमन ने अचानक रद्द की भारत की यात्रा

बांग्‍लादेश के विदेश मंत्री एके अब्दुल मोमन ने रद्द की भारत की यात्रा( Photo Credit : ANI Twitter)

बांग्‍लादेश (Bangladesh) के विदेश मंत्री डा. एके अब्‍दुल मोमेन (Dr. AK Abdul Momen) ने अचानक नई दिल्‍ली (New Delhi) की अपनी यात्रा रद्द कर दी है. माना जा रहा है कि नागरिकता संशोधन विधेयक (Citizenship Amendment Bill 2019) को लेकर बांग्‍लादेश की नाराजगी के चलते यह यात्रा रद्द की गई है. हालांकि डा. मोमेन ने कहा, मुझे अपनी नई दिल्ली की यात्रा रद्द करनी पड़ी है, क्योंकि मुझे 'बुडीजिबी दिवस' और 'विजय दिवस' में भाग लेना है.

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डा. मोमेन ने कहा, हमारे राज्यमंत्री देश से बाहर मैड्रिड में हैं और विदेश सचिव हेग में हैं. उन्‍होंने कहा, घरेलू कार्यक्रम को देखते हुए मैंने इस यात्रा को रद्द करने का फैसला किया है. हालांकि, मैं जनवरी में नई दिल्‍ली में प्रस्‍तावित अगली बैठक में भाग लेने को उत्‍सुक हूं. अभी नई दिल्‍ली में कार्यक्रम में भाग लेने के लिए हमारे महानिदेशक जाएंगे.

इससे पहले बांग्‍लादेश (Bangladesh) के विदेश मंत्री ने कहा था, बहुत कम ही देश ऐसे हैं जहां सांप्रदायिक सद्भाव बांग्लादेश जितना अच्छा है. यदि वह (गृह मंत्री अमित शाह) कुछ महीनों के लिए बांग्लादेश में रहे, तो उन्हें हमारे देश में अनुकरणीय सांप्रदायिक सौहार्द दिखाई देगा.

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बांग्लादेश के विदेश मंत्री ने आगे कहा, भारत को अपने ही देश में कई समस्याओं से जूझना पड़ रहा है. उन्हें आपस में लड़ने दें. इससे हमें कोई परेशानी नहीं है. एक मित्र देश के रूप में हम आशा करते हैं कि भारत कुछ ऐसा नहीं करेगा जो हमारे दोस्ताना संबंधों को प्रभावित करता है.

बता दें कि सोमवार को लोकसभा तो बुधवार को राज्य सभा से भी नागरिकता संशोधन बिल पास हो गया. राज्य सभा में इस बिल के पक्ष में 125 और विरोध में 99 वोट पड़े. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को दोपहर 12 बजे राज्यसभा में नागरिकता संशोधन बिल को पेश किया. 6 घंटे की चर्चा के बाद वोटिंग कराई गई, जिसके बाद ऐतिहासिक बिल पास हो गया.

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पाकिस्तान, अफ़ग़ानिस्तान और बांग्लादेश से 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत में आने वाले हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाइयों को इस बिल में नागरिकता देने का प्रावधान है. गृह मंत्री ने कहा था कि इस बिल के माध्‍यम से उन लोगों को नागरिकता दी जाएगी, जो पाकिस्‍तान, बांग्‍लादेश और अफगानिस्‍तान में धर्म के आधार पर प्रताड़ित किए गए हैं. दरअसल यही बात बांग्‍लादेश को नागवार गुजरी है.

Source : न्‍यूज स्‍टेट ब्‍यूरो

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