पाकिस्तान के क्वेटा में रविवार को बलूचों ने विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान उन्होंने पाक से आजादी और चीन की दखलअंदाजी के खिलाफ नारे लगाए। साथ ही नवाज शरीफ के पुतले-पोस्टर जलाए। बता दें कि पहले भी नवाज सरकार के खिलाफ लोगों ने प्रदर्शन किया था।
इंडिपेंडेंस डे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा पहली बार बलूचिस्तान का जिक्र किया गया था। इसके बाद से दुनियाभर में बलूचिस्तान को आजाद करने के लिए मांग उठ रही है। वहीं, पाक के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में मौजूद आतंकी कैंप के खिलाफ भी लोग खड़े हुए हैं।
क्या कहा था मोदी ने?
पीएम मोदी ने स्पीच में कहा था कि, "बलूचिस्तान, गिलगित और पाक के कब्जे वाले हिस्से के लोगों ने मुझे धन्यवाद दिया है। मेरा आभार व्यक्त किया है। मेरे प्रति सद्भावना जताई है। जिस धरती को मैंने देखा नहीं, जहां के लोगों से कभी मुलाकात नहीं हुई, वे प्रधानमंत्री का आदर करते हैं तो ये मेरे सवा सौ करोड़ देशवासियों का सम्मान है। मैं गिलगित, बलूचिस्तान और पाक के कब्जे वाले कश्मीर के लोगों का तहे दिल से शुक्रिया अदा करना चाहता हूं।''
UN में उठा बलूचिस्तान का मुद्दा
जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद का 33वां सत्र संपन्न हुआ। इस दौरान भारत ने पाकिस्तान पर हमला करते हुए कहा पहली बार बलूचिस्तान का मुद्दा उठाया। साथ ही पाकिस्तान पर पाक अधिकृत कश्मीर में मानव अधिकार के उल्लघंन का आरोप भी लगाया।