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इमरान खान के इस्तीफे के लिए 10 से 15 दिन तक इस्लामाबाद में ठहरेगा 'आजादी मार्च'

पाकिस्तान में सत्तारूढ़ इमरान सरकार की परेशानियां और बढ़ने वाली हैं, क्योंकि इसके इस्तीफे की मांग को लेकर इस्लामाबाद पहुंचे आजादी मार्च के प्रदर्शनकारी कम से कम दस से पंद्रह दिन तक राजधानी में डटे रहने के मूड में हैं.

Updated on: 02 Nov 2019, 02:00 AM

नई दिल्ली:

पाकिस्तान में सत्तारूढ़ इमरान सरकार की परेशानियां और बढ़ने वाली हैं, क्योंकि इसके इस्तीफे की मांग को लेकर इस्लामाबाद पहुंचे आजादी मार्च के प्रदर्शनकारी कम से कम दस से पंद्रह दिन तक राजधानी में डटे रहने के मूड में हैं. पाकिस्तान के वरिष्ठ पत्रकार हामिद मीर ने शुक्रवार को 'जियो न्यूज' से बातचीत के दौरान मौलाना फजलुर रहमान की पार्टी जमीयते उलेमाए इस्लाम-एफ के इस रुख का खुलासा किया.

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मीर ने कहा, "मैंने आजादी मार्च में शामिल लोगों से बात की है. यह लोग यहां दो या तीन दिन के लिए नहीं आए हैं. वे यहां कम से कम दस से पंद्रह दिन तक टिकने जा रहे हैं." मीर ने कहा कि उन्होंने मौलाना फजल से बात की तो उन्होंने पूछा कि भला वह इतने सारे लोगों को वापस उनके घरों को कैसे भेज सकते हैं. फजल ने कहा कि अगले चौबीस घंटे में प्रदर्शनकारी अभी जहां हैं, वहां से आगे बढ़ेंगे.

मीर ने कहा, "मैंने (जमीयत उलेमाए इस्लाम-एफ नेता) गफूर हैदरी से बात की और उनसे कहा कि आपने सरकार से (प्रदर्शन स्थल आदि को लेकर) सहमति बनाई हुई है. इस पर गफूर ने कहा कि सरकार ने उनके लोगों को गिरफ्तार कर खुद ही इस समझौते को तोड़ दिया है." वरिष्ठ पत्रकार ने यह भी कहा कि महिला मीडियाकर्मियों को कवरेज करने की अनुमति देने के लिए वह मंच पर चढ़कर गए और मौलाना फजल से कहा कि उन्हें बहुत शिकायतें मिली हैं कि महिला मीडियाकर्मियों को कवरेज से रोका जा रहा है.

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ऐसा करना सही नहीं है क्योंकि प्रेस की आजादी पर पहले से ही कई पहरे लगे हुए हैं। इस पर फजल ने हैदरी से बात की और फिर हैदरी के कहने पर उन्होंने (मीर ने) मंच से ऐलान किया कि महिला मीडियाकर्मियों को कवरेज की इजाजत है और इसके लिए फजल का शुक्रिया अदा किया.

वहीं, आजादी मार्च' का नेतृत्व करने वाले जमीयते उलेमाए इस्लाम-फजल (JUI-F) के नेता फजलुर रहमान ने प्रधानमंत्री इमरान खान को धमकी दी है. इमरान खान से फजलुर रहमान ने इस्तीफा मांगा है और इसके लिए दो दिन की मोहलत दी है. धरने पर बैठे मौलाना फजलुर ने इस्लामाबाद में रैली को संबोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री इमरान खान को इस्तीफा देने और 'राष्ट्रीय प्रष्ठिानों' द्वारा इस सरकार का समर्थन बंद करने के लिए वह दो दिन की मोहलत दे रहे हैं.

उन्होंने कहा कि वह राष्ट्रीय प्रतिष्ठानों के साथ टकराव नहीं, बल्कि इनका स्थायित्व चाहते हैं. साथ ही संस्थाओं को निष्पक्ष भी देखना चाहते हैं. आजादी मार्च में पाकिस्तान के विपक्षी दलों के तमाम नेताओं ने भी हिस्सा लिया.