इमरान खान को सत्ता से बेदखल करने के लिए इस्लामाबाद पहुंचा 'आजादी मार्च', जुमे की नमाज के बाद होगा ये

जमीयते उलेमाए इस्लाम-फजल (जेयूआई-एफ) के नेता मौलाना फजलुर रहमान के नेतृत्व में विपक्ष का 'आजादी मार्च' गुरुवार रात इस्लामाबाद पहुंच गया.

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Deepak Pandey
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इमरान खान को सत्ता से बेदखल करने के लिए इस्लामाबाद पहुंचा 'आजादी मार्च', जुमे की नमाज के बाद होगा ये

इस्लामाबद पहुंचा आजादी मार्च( Photo Credit : न्यूज स्टेट)

जमीयते उलेमाए इस्लाम-फजल (जेयूआई-एफ) के नेता मौलाना फजलुर रहमान के नेतृत्व में विपक्ष का 'आजादी मार्च' गुरुवार रात इस्लामाबाद पहुंच गया. मीडिया रिपोर्ट में यह जानकारी देते हुए बताया गया है कि मार्च मौलाना फजलुर रहमान के नेतृत्व में एक्सप्रेस-वे से होता हुआ इस्लामाबाद पहुंचा है. इससे पहले विपक्षी अवामी नेशनल पार्टी के कार्यकर्ता आजादी मार्च में शामिल होने के लिए अलग से इस्लामाबाद पहुंचे.

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विपक्ष इमरान सरकार के इस्तीफे की मांग कर रहा है. उसका कहना है कि इमरान सरकार को भ्रष्ट तरीके से सत्तारूढ़ कराया गया था. इसे जनादेश नहीं हासिल है, जबकि प्रधानमंत्री इमरान खान ने साफ कर दिया है कि उनके इस्तीफा देने का कोई सवाल ही पैदा नहीं होता. मार्च के मद्देनजर इस्लामाबाद में सेना तलब कर ली गई है और सैनिकों ने संवेदनशील स्थानों पर सुरक्षा संभाल ली है.

इस्लामाबाद पहुंचने पर होने वाले कार्यक्रम को लेकर विपक्षी दलों की तरफ से पहले अलग-अलग बातें आ रही थीं, लेकिन अब 'डॉन' की रिपोर्ट में बताया गया है कि इस बात पर सहमति हो गई है कि आज (गुरुवार को) इस्लामाबाद में कोई जलसा नहीं होगा. शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद जनसभा होगी. इससे पहले पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज के नेताओं ने एक बयान में कहा था कि देश में गुरुवार को हुए भीषण रेल हादसे के कारण इस्लामाबाद में कोई जलसा नहीं हुआ. शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद जलसा किया जाएगा.

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इस पर जेयूआई-एफ ने कहा था कि जलसा गुरुवार को अपने निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार ही होगा, लेकिन 'डॉन' की रिपोर्ट के मुताबिक, जेयूआई-एफ के प्रवक्ता अकरम खान दुर्रानी ने इस बात की पुष्टि की है कि शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद जलसा होगा. दुर्रानी ने कहा कि विपक्षी नेताओं की कमेटी से सलाह के बाद यह बात तय पाई है.

रिपोर्ट में बताया गया है कि अभी तक मार्च शांतिपूर्ण रहा है. सरकार ने भी इसमें कोई रुकावट नहीं पैदा की है, लेकिन देश की राजधानी में किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए संवेदनशील इलाकों में सेना तैनात कर दी गई है. शहर में सभी स्कूल, कॉलेज व विश्वविद्यालय बंद हैं। ट्रैफिक पुलिस ने कुछ रास्तों को आम लोगों के लिए बंद किया है और कुछ जगहों पर रूट बदला गया है.

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पाकिस्तान के गृह मंत्री एजाज शाह ने कहा है कि अगर मार्च में शामिल लोग कानून का पालन करेंगे तो सरकार उनके लिए सभी सुविधाएं मुहैया कराएगी और उन्हें ऐसा लगेगा कि वे किसी फाइव स्टार होटल में टिके हुए हैं.

इस बीच मौलाना फजल के अगले कदम को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है. उनके हवाले से पहले इस आशय के बयान आए थे कि वह धरना नहीं देंगे, लेकिन अब इस आशय की रिपोर्ट आ रही हैं कि मौलाना का कहना है कि मार्च में मार्च और धरना दोनों शामिल होता है। उनका यह भी कहना है कि इमरान सरकार के इस्तीफे तक उनका यह मार्च जारी रहेगा.

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