logo-image

WhatsApp मैसेज की निगरानी करने वाला कानून ला रहा ऑस्ट्रेलिया

ऑस्ट्रेलिया एक ऐसा कठोर नियम लाने पर विचार कर रही है जो सरकारी जांच एजेंसियों को व्हाट्सएप और टेलीग्राम जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के मैसेजों पर निगरानी करने का अधिकार देगा.

Updated on: 05 Dec 2018, 08:17 PM

सिडनी:

ऑस्ट्रेलिया एक ऐसा कठोर नियम लाने पर विचार कर रही है जो सरकारी जांच एजेंसियों को व्हाट्सएप और टेलीग्राम जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के मैसेजों पर निगरानी करने का अधिकार देगा. इसके अलावा इस कानून के तहत एंड-टू-एंड एंक्रिप्शन और जरूरत पड़ने पर उपयोगकर्ताओं को उनका स्मार्टफोन भी दिखाना पड़ेगा.

विवादित एनक्रिप्शन बिल एनक्रिप्टिड प्लेटफॉर्म्स का उपयोग अफवाहों, भड़काऊ भाषणों और यहां तक कि बाल तस्करी और मादक पदार्थो के व्यापार जैसी आपराधिक गतिविधियों के लिए किया जा रहा है.

भारत जैसे देशों में व्हाट्सएप के माध्यम से प्रसारित हुए मैसेजों से लिंचिंग (हत्या) के कई मामले आने के बाद भारत सरकार को इन प्लेटफॉर्म्स से उचित कदम उठाने के लिए कहना पड़ा था.

लेकिन ऑस्ट्रेलिया के नए प्रस्तावित कानून निजता संबंधी समस्याएं उत्पन्न होंगी. ऑस्ट्रेलियाई सरकार कंपनियों को स्पाइवेयर बनाने के लिए मजबूर कर सकती है.

न्यूज डॉट कॉम डॉट एयू की बुधवार की रिपोर्ट के अनुसार, प्रस्तावित कानून कंपनियों को इलैक्ट्रॉनिक प्रोटेक्शन हटाने के लिए मजबूर कर सकता है, जिससे जांच में सहायता के लिए संदिग्ध डिवाइस की जानकारी निकालने और डिजायन स्पेसीफिकेशन जैसी तकनीकी जानकारी निकालने में सरकारी एजेंसियों की मदद की जा सके.

और पढ़ें : Fake News फैलाना होगा अब मुश्किल, Whatsapp ने भारत में चलाया अभियान

रिपोर्ट में कहा गया है कि, आलोचकों ने व्यापक, अस्पष्ट और वैश्विक डिजिटल अर्थव्यवस्था की सुरक्षा को नुकसान पहुंचाने में समर्थ बताते हुए इस बिल की आलोचना की है. रिपोर्ट के अनुसार, इंटेलीजेंस एंड सिक्योरिटी पर संयुक्त संसदीय समिति इस अधिनियम का विश्लेषण कर रही है.

ऑस्ट्रेलिया के महान्यायवादी क्रिस्टोफर पोर्टर के अनुसार, इस कानून की मदद से सुरक्षा एजेंसियों को आतंकवादियों, बाल यौन अपराधियों और अन्य गंभीर मामलों के अपराधियों को पकड़ने में मदद मिलेगी.