OBOR: चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग बोले, सभी देश एक दूसरे की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का रखें ख्याल

भारत ने इस विवादित आर्थिक गलियारे को लेकर अपनी चिंताओं के चलते इस फोरम का बहिष्कार किया है।

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Deepak Kumar
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OBOR: चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग बोले, सभी देश एक दूसरे की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का रखें ख्याल

चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने 'बेल्ट एंड रोड फोरम' सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए कहा कि सभी देशों को एक दूसरे की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करना चाहिए।

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बता दें कि भारत ने पाक अधिकृत कश्मीर से हो कर गुजरने वाले इस विवादित आर्थिक गलियारे को लेकर अपनी चिंताओं के चलते इस फोरम का बहिष्कार किया है।

एक-दूसरे से जुड़ी हुई नयी दुनिया और अपने महत्वकांक्षी बेल्ट एंड रोड (बीएंडआर) कदम पर चीन के दृष्टिकोण का जिक्र करते हुए अपने उद्घाटन भाषण में शी ने पहले के सिल्क रुट का उदाहरण दिया और 'सिंधु और गंगा सभ्यताओं सहित' विभिन्न सभ्यताओं के महत्व पर अपनी बात रखी।

लेकिन उन्होंने 50 अरब डॉलर की लागत से बन रहे चीन भारत आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) पर भारत की आपत्ति का कोई जिक्र नहीं किया। बीएंडआर के तहत यह महत्वाकांक्षी परियोजना पाकिस्तानी कब्जे वाले गिलगिट और बाल्टिस्तान से होकर गुजरती है।

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भारत पूरे जम्मू-कश्मीर को अपना अभिन्न अंग मानता है।

हालांकि चीनी राष्ट्रपति शी ने कहा, 'सभी देशों को एक दूसरे की संप्रभुता, मर्यादा और क्षेत्रीय अखंडता का, एक दूसरे के विकास के रास्तों का, सामाजिक प्रणालियों का और एक दूसरे के प्रमुख हितों तथा बड़ी चिंताओं का सम्मान करना चाहिए।'

भारत ने शनिवार को ही स्पष्ट कर दिया था कि वह सीपीईसी को लेकर अपनी संप्रभुता संबंधी चिंताओं के चलते बीजिंग में रविवार से शुरू हुए सम्मेलन में हिस्सा नहीं लेगा। भारत के फैसले के बाद शी ने रविवार को 45 मिनट लंबा उद्घाटन भाषण दिया।

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भारत ने शनिवार रात आधिकारिक बयान जारी कर अपने बहिष्कार का स्पष्ट संकेत दे दिया था और साफ कर दिया था कि भारत ऐसी परियोजना को स्वीकार नहीं कर सकता जो उसकी सम्प्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का उल्लंघन करता हो।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गोपाल बागले ने एक बयान में कहा, 'कोई देश ऐसी परियोजना को स्वीकार नहीं कर सकता जो सम्प्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता पर उसकी मुख्य चिंताओं को नजरअंदाज करती हो।'

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हालांकि, दो दिवसीय इस सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में कुछ भारतीय विद्वानों ने हिस्सा लिया। बीजिंग में हो रहे इस सम्मेलन में 29 देशों के नेता शामिल हुए। सम्मेलन में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ संभवत: सबसे बड़े शिष्टमंडल.. चार मुख्यमंत्रियों और पांच संघीय मंत्रियों.. के साथ आये हैं।

शी ने कहा कि 'बेल्ट एंड रोड' 'इस सदी की परियोजना है' जिससे पूरी दुनिया के लोगों को लाभ होगा।

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Source : News Nation Bureau

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