अपने कार्यकाल में ओबामा ने लिये कई साहसिक फैसले, जिसने अमेरिका ही नहीं दुनिया को भी बदला
बराक ओबामा का कार्यकाल चुनौती भरा रहा और उन्होंने कई ऐसे फैसले लिये जिसका असर अमेरिका के साथ ही पूरी दुनिया पर भी पड़ा।
नई दिल्ली:
अमेरिकी राष्ट्रपति के तौर पर बराक ओबामा का कार्यकाल खत्म हो रहा है। उनका कार्यकाल चुनौती भरा रहा और उन्होंने कई ऐसे फैसले लिये जिसका असर अमेरिका के साथ ही पूरी दुनिया पर भी पड़ा।
ओबामा ने बुधवार को अपना विदाई भाषण दिया। इस दौरान वो कई बार भावुक भी हुए। अपने भाषण में उन्होंने अपने कार्यकाल की तारीफ भी की। उन्होंने कहा, 'आने वाले 10 दिनों में अमेरिका सत्ता परिवर्तन का गवाह बनेगा, मुझे खुशी है कि सबकुछ शांतिपूर्ण ढंग से हो रहा है।' ओबामा के इस भाषण की तुलना उनके राष्ट्रपति बनने के बाद दिये गए भाषण से की जा रही है।
उनके कार्यकाल में कई ऐसे फैसले भी लिये गए जो परंपरा से हटकर और साहसिक भी थे।
आइए जानते हैं उनके शासन के दौरान लिये गए ऐसे 10 फैसले जिसने अमेरिका के साथ दुनिया को भी प्रभावित किया।
1. आर्थिक स्थिति
ओबामा के कार्यकाल के दौरान बजट घाटे में भी कमी देखी गई। वर्ष 2009 में जब ओबामा ने ऑफिस संभाला तो करीब 1.4 ट्रिलियन डॉलर का बजट घाटा उन्हें विरासत में मिला था। लेकिन 2015 तक यह घाटा 430 बिलियन डॉलर रह गया। ओबामा ने आर्थिक मंदी से निपटने के लिये राहत पैकेज दिया। उन्होंने 787 बिलियन अमेरिकी डॉलर का American Recovery and Reinvestment Act in 2009 पर हस्ताक्षर किया।
2. बेरोज़गारी
ओबामा ने आर्थिक नीतियों में बदलाव कर अमेरिका के युवाओं के लिये रोज़गार के अवसर उपलब्ध कराए। हालांकि आउट सोर्सिंग को लेकर विवाद भी खड़े हुए। ओबामा ने अक्टूबर 2015 तक के आंकड़ों का हवाले देते हुए कहा, पिछले 69 महीने में रोज़गार के अवसर बढ़े हैं और 13.7 मिलियन रोज़गार उपलब्ध कराया गया है। अक्टूबर 2009 में अमेरिका में बेरोजगारी की दर 10.1प्रतिशत थी और 2016 की शुरुआत में यह दर 4.9 प्रतिशत पर आ गई। अक्टूबर 2015 में अमेरिका में बेरोजगारी की दर पांच प्रतिशत से भी कम हो गई थी।
3. ओबामा हेल्थ केयर
रिपब्लिकन पार्टी ने साल 2015 में सुप्रीम कोर्ट में ओबामा हेल्थ केयर को चुनौती दी। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने ओबामा हेल्थ बिल को बनाए रखने का आदेश दिया। ओबामा के लिए यह एक बड़ी जीत थी। इस वक्त अमेरिका के 17.6 मिलियन लोगों के पास अफोर्डेबल हेल्थ एक्ट की सुविधा है। अमेरिका में इंश्योर्ड नागरिकों का प्रतिशत पहली बार 10 प्रतिशत से भी नीचे गया है।
4. आतंकवाद: ऑपेरशन नेप्चूयन स्पीयर
दो मई 2011 को राष्ट्रपति बराक ओबामा ने ऐलान किया, ‘हमने ओसामा बिन लादेन को मार दिया है।’ अल कायदा के सरगना लादेन ने अमेरिका को 9/11 हमलों से दहला दिया था। साल 2010 से ही अमेरिका को इस बात की जानकारी और सबूत मिलने लगे कि लादेन पाकिस्तान में ही छुपा हुआ है। जनवरी 2011 में सीआईए ने ज्वाइंट स्पेशल ऑपरेशंस कमांडर वाइस एडमिरल विलियम एच मैक्रॉवेन को लादेन के ठिकाने के बारे में जानकारी दी। 14 मार्च 2011 को नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर के साथ मीटिंग कर राष्ट्रपति ओबामा ने उसे मारे जाने के विकल्पों पर चर्चा की और 19 अप्रैल को ऑपरेशन नेप्चूयन स्पीयर को मंजूरी दी। लादेन का खात्मा ओबामा के पहले कार्यकाल की सबसे बड़ी उपलब्धि माना जाता है।
5. इरान में लड़ाई खत्म किया
ओबामा ने कहा था कि सत्ता में आने के बाद वो ईराक में चल रही लड़ाई की समीक्षा करेंगे। उन्होंने ईराक में लड़डाई को खत्म करने की घोषणा की और दिसंबर 2011 को ईराक से सैनिकों की अंतिम बटालियन वापस आई।
6. सेम-सेक्स मैरिज को कानूनी वैधता
ओबामा के कार्यकाल में 26 जून 2015 को अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने एक एतिहासिक आदेश दिया। इस आदेश के तहत अदालत ने कहा कि सेम सेक्स जोड़ों को भी संविधान के मुताबिक शादी करने का अधिकार है। अमेरिका के 50 राज्यों में सेम सेक्स मैरिज को कानूनी वैधता मिली चुकी है।
7. क्यूबा के साथ दोबारा राजनयिक संबंध स्थापित किये
साठ के दशक से ही अमेरिका और क्यूबा के रिश्तों में तनाव आना शुरू हुआ। 2008 में जब बराक ओबामा राष्ट्रपति चुने गए तो उन्होंने वादा किया था कि वह क्यूबा के साथ रिश्तों को फिर से बहाल करेंगे। ओबामा को बड़ी संख्या में क्यूबा से वोट हासिल हुए थे। अपने वादे के अनुसार उन्होंने अपना वादा पूरा किया और 1961 से बंद पड़े अमेरिकी दूतावास को 54 वर्षों के बाद 2016 में खोला गया।
8. ईरान न्यूक्लियर डील
जुलाई में अमेरिका का ईरान के साथ हुआ न्यूक्लियर डील भी राष्ट्रपति ओबामा के लिए सबसे अहम उपलब्धि माना जाता है। दुनिया की छह बड़ी महाशक्तियां ईरान में न्यूक्लियर डील को अंतिम रूप देने के लिए इकट्ठा हुईं। रिपब्लिकन पार्टी के विरोध के बावजूद भी अमेरिकी कांग्रेस ने वोटिंग करके इसे मंज़ूरी दी। ओबामा ने इसके बाद एक वीडियो जारी कर अमेरिकी जनता और दुनिया को बताया कि अमेरिका ने ईरान को परमाणु हथियार बनाने से रोकने के लिये डील की है।
9. अमेरिका में हमले करने में नाकामयाब रहे आतंकी संगठन
ओबामा के कार्यकाल में किसी बड़े आतंकी हमले का न हो पाना निश्चित तौर पर उनकी कामयाबी है। 2008 में हो रहे चुनावों के दरम्यान रिपब्लिकन नेता डिक चेनी ने कहा था कि अगर डेमोक्रेटिक पार्टी की सरकार बनती है तो अल कायदा 9/11 की जैसा कोई बड़ा आतंकी हमला कर सकता है। लेकिन डिक चेनी की ये बात गलत साबित हुई। ओबामा के शासन के दौरान आईएसआईएस और अल कायदा अमेरिका पर बड़े आतंकी हमले को अंजाम देन में सफल नहीं हो पाए हैं। हालांकि कई बार इसकी कोशिश भी की गई।
10. वॉर जोन में सबसे कम अमेरिकी सैनिक
एक अमेरिकी वेबसाइट के मुताबिक पिछले 12 सालों में यह पहली बार हुआ है कि वॉर जोन में अमेरिकी सैनिकों की संख्या सबसे कम है। इस समय अफगानिस्तान में 9,800 अमेरिकी सैनिक हैं, जबकि 13,000 नाटो सैनिक हैं। हालांकि ओबामा को ईराक में ग्राउंट ट्रूप्स भेजने पर आलोचना का भी शिकार होना पड़ा है।
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