रूस-यूक्रेन के बीच जारी युद्ध को एक साल पूरे हो चुके हैं. मगर दोनों देशों के बीच गतिरोध अब भी जारी है. एक तरफ यूक्रेन अमेरिका समेत अन्य यूरोपीय देशों की मदद से युद्ध में टिका हुआ है. वहीं रूस अकेले अपने दम पर लगातार यूक्रेन पर हमला कर रहा है. रूस यूक्रेन को दबाने के लिए युद्ध में लगातार अत्याधुनिक हथियारों का उपयोग कर रहा है. इस दौरान रूस की पुतिन सरकार ने हाइपरसोनिक क्रूज मिसाइलों को अटलांटिक सागर में तैनात किया है. इससे यह स्पष्ट हो गया है कि अब युद्ध और भीषण होने वाला है.
आवाज से भी तेज है हाइपरसोनिक मिसाइल
गौरतलब है कि रूस, चीन और अमेरिका हाइपरसोनिक हथियारों का विकास कर रहे हैं. हाइपरसोनिक मिसाइल की गति आवाज से पांच गुना ज्यादा है. इस तरह की मिसाइलों का उपयोग विरोधी को पस्त करने के लिए किया जाता है. रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगू और इगोर क्रोखमल के साथ एक वीडियो कॉन्फ्रेंस में रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने बयान दिया कि जहाज जिरकॉन हाइपरसोनिक हथियारों से लैस है.
हाइपरसोनिक मिसाइल सिस्टम से लैस है जहाज
पुतिन ने कहा कि इस बार जहाज नवीनतम हाइपरसोनिक मिसाइल सिस्टम ‘जिरकोन’ से लैस है. उन्हें यकीन है कि इस तरह के शक्तिशाली हथियार रूस को बाहरी खतरों से बचाएंगे. पुतिन ने कहा, इस तरह के हथियारों का कोई तोड़ नहीं है. दरअसल, पुतिन के लिए यह युद्ध बेहद कठिन होता जा रहा है. यूक्रेन को विदेशी ताकतें मदद कर रही हैं. दोनों ओर से हजारों सैनिक मारे जा चुके हैं. मगर अभी तक युद्ध बेनतीजा रहा है.
फोन सिग्नल के कारण कई सैनिकों की गई जान
वहीं रूसी सैनिकों के लिए मोबाइल सिग्नल काल बनकर सामने आया है. यूक्रेन के रॉकेट ने उस जगह पर हमला किया, जहां पर उन्होंने कैंप लगाया था. रूस की सेना ने मंगलवार को एक रिपोर्ट में बताया कि सप्ताहांत में यूक्रेन के हमले में मारे गए सैनिकों का आंकड़ा 89 तक पहुंच गया है.
HIGHLIGHTS
- रूस अकेले अपने दम पर लगातार यूक्रेन पर हमला कर रहा
- हाइपरसोनिक क्रूज मिसाइलों को अटलांटिक सागर में तैनात किया