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china flag( Photo Credit : ani)
जी हां सुन के आप थोड़ा हैरान जरूर हो रहे होंगे लेकिन ये सच है कि अमेरिका की डाटा रिसर्च कंपनी ने अपनी रिपोर्ट में खुलासा करते हुए कहा है कि ओसियन स्पीच नाम का ऐप जो भारत में चीनी कनेक्शन के साथ काम कर रहा है वो भारतीयों का वॉइस डाटा चीन को बेच रहा है. अमेरिका की न्यू काइट डाटा लैब ने जिसने शोध कर दावा किया कि स्पीच ओसियन कंपनी जो भारत में अपना एप चलाती है. वॉइस कलेक्शन करके चीन की सुरक्षा एजेंसियों को सौप रही है. यही नहीं चीन की पीएलए के साथ इस कंपनी के नजदीकी संबंध भी बताए जा रहे हैं.
आखिर वॉइस डाटा कलेक्शन क्यों होता है और इससे चीन अपने नापाक मंसूबों को कैसे अंजाम दे सकता है इसको समझने के लिए न्यूज़ नेशन ने साइबर एक्सपर्ट अमित दुबे का रुख किया. चीन आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में वॉइस डाटा का उपयोग करके भारतीय सुरक्षा में सेंध लगाने की कोशिश कर रहा है.
आर्टिफिशल इंटेलिजेंस के जरिए चीन के मंसूबे क्या-क्या है. डिफेंस एक्सपर्ट ब्रिगेडियर शरदेंदु से जानिए कैसे होता है वॉइस कमांड से जासूसी का खेल. चीन की इस हरकत पर भारतीय एजेंसियों की नजरें हैं. इस तरह के एप पर भारत में बैन लगना भी जरूरी है ऐसा साइबर एक्सपर्ट भी मानते हैं.
HIGHLIGHTS
- वॉइस डाटा चोरी का चीनी कनेक्शन, अमेरिकी थिंक टैंक का खुलासा
- एप के जरिए रिकॉर्ड किया जाता है वॉइस डाटा
Source : Sayyed Aamir Husain