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Corona के बढ़ते मामलों के बीच कई देशों ने फिर दी एस्ट्राजेनेका को मंजूरी

विवादों के बीच यूरोपीय मेडिकल रेग्युलेटर और विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के आश्वासन के बाद यूरोपीय संघ के कई देशों ने एस्ट्राजेनेका वैक्सीन (AstraZeneca vaccine) को फिर से शुरू करने का फैसला किया है.

Updated on: 19 Mar 2021, 10:53 AM

highlights

  • एस्ट्राजेनेका टीका लगने के बाद खून के थक्के जमने की बात उठी
  • विश्व स्वास्थ्य संगठन ने दिया आश्वासन का ऐसा कोई संकेत नहीं
  • इसके बाद फ्रांस, इटली समेत कई देशों ने फिर शुरू किया टीकाकरण

लंदन:

विवादों के बीच यूरोपीय मेडिकल रेग्युलेटर और विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के आश्वासन के बाद यूरोपीय संघ के कई देशों ने एस्ट्राजेनेका वैक्सीन (AstraZeneca) को फिर से शुरू करने का फैसला किया है. एस्ट्राजेनेका का टीका लगने के बाद खून के थक्के जमने की खबरों के बाद डब्ल्यूएचओ ने कोरोना टीके को सुरक्षित और असरदार बताया था. इसके बाद यूरोपीय संघ (European Union) के कई देशों ने गुरुवार को वैक्सीन को शुरू करने का फैसला किया है. हालांकि मेडिकल रेग्युलेटर ने ऐसी किसी भी बात से इंकार किया था. ईएमए की तरफ से वैक्सीन को लेकर घोषणा ऐसे समय पर की गई है, जब विश्व स्वास्थ्य संगठन और ब्रिटेन के विशेषज्ञों ने कहा है कि वैक्सीन सुरक्षित है. 

फ्रांस, इटली समेत कई देश फिर से शुरू कर रहे एस्ट्राजेनेका का टीकाकरण
गौरतलब है कि कई देश कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों का सामना कर रहे हैं. ईएमए की घोषणा के बाद वैक्सीन को अनुमति देने वालों में जर्मनी, फ्रांस, स्पेन, इटली, नीदरलैंड्स, पुर्तगाल, लिथुआनिया, लातविया, स्लोवेनिया और बुल्गारिया है. ईएमए की प्रमुख एमर कूक ने गुरुवार को कहा कि एस्ट्राजेनेका की जांच के बाद कमेटी ने पाया है कि वैक्सीन सुरक्षित और असरदार है. उन्होंने कहा 'कमेटी ने यह भी पाया है कि वैक्सीन का थ्रोम्बोम्बोलिक घटनाओं या ब्लड क्लॉट्स से कोई लेना-देना नहीं है.' ब्रिटेन के हेल्थ रेग्युलेटर का कहना है कि फाइजर की वैक्सीन और खून के थक्कों के बीच कोई तार नहीं जुड़े हैं. डब्ल्युएचओ ने इस बात को दोहराया कि एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन नहीं लेने से इसे लेना ज्यादा बेहतर है.

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कंपनी ने फैसले का किया स्वागत
वैक्सीन कंपनी ने इस फैसले का स्वागत किया है. हालांकि, नॉर्वे और स्वीडन ने कहा है कि वे वैक्सीन का इस्तेमाल जारी रखने के लिए तैयार नहीं हैं. वैक्सीन को लेकर हुए हंगामे के बाद वैश्विक स्तर पर वैक्सीन ड्राइव प्रभावित हुई है. दुनियाभर में अब तक 40 करोड़ वैक्सीन डोज दिए जा चुके हैं. खास बात है कि सस्ते और आसानी से स्टोर किए जाने वाले एस्ट्राजेनेका शॉट को गरीब राष्ट्रों की वैक्सीन कहा जाने लगा है. इतना ही नहीं ये वैक्सीन कोवैक्स का एक अहम हिस्सा भी है.

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अमेरिका ने अभी तक नहीं दी है मंजूरी
अमेरिका ने अब तक एस्ट्राजेनेका वैक्सीन को मंजूरी नहीं दी है. हालांकि अमेरिका ने कहा है कि वे अपने पड़ोसी देश मैक्सिको और कनाडा को लाखों डोज भेजेंगे. इसके अलावा कई राष्ट्र एक बार फिर कोविड पाबंदियों को और कड़ा करने की तैयारी कर रहे हैं. हाल ही में फ्रांस में कोरोना वायरस महामारी की तीसरी लहर से बचने की तैयारी जारी है. हाल ही में देश के पेरिस समेत कई इलाकों में महीनेभर के लिए सीमित लॉकडाउन का ऐलान किया है.