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अमेरिका (America) की टेढ़ी नजर, कहा- चीन (China) ने कोरोना वायरस (Corona Virus) की सूचना साझा नहीं की

अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ (Mike Pompeo) ने आरोप लगाया है कि चीन को शायद कोरोना वायरस (Corona Virus) के बारे में नवंबर से ही पता था.

Updated on: 24 Apr 2020, 11:13 AM

वाशिंगटन:

अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ (Mike Pompeo) ने आरोप लगाया है कि चीन को शायद कोरोना वायरस (Corona Virus) के बारे में नवंबर से ही पता था. इसी के साथ उन आरोपों को एक बार फिर बल मिला है कि चीन वायरस की जानकारी देने को लेकर पारदर्शी नहीं रहा है. पोम्पिओ ने बृहस्पतिवार को एक साक्षात्कार में कहा, 'आप याद करें तो इस तरह के पहले मामले के बारे में चीन को संभवत: नवंबर में ही पता चल गया था और मध्य दिसंबर तक तो निश्चित तौर पर.'

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उन्होंने रेडियो प्रस्तोता लैरी ओकोन्नोर से कहा, 'उन्होंने विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) समेत विश्व में किसी और को इस बारे में बता पाने में बहुत देर की.'' पोम्पिओ ने कहा कि अमेरिका को चीन के वुहान शहर में पैदा हुए सार्स-सीओवी-2 वायरस के मूल नमूने के साथ ही और अधिक सूचनाओं की दरकार है. उन्होंने कहा, 'पारदर्शिता का मुद्दा नवंबर, दिसंबर और जनवरी में क्या हुआ? केवल उस ऐतिहासिक मामले को समझने भर के लिए आवश्यक नहीं है बल्कि यह आज भी उतना ही मायने रखता है.' 

विदेश मंत्री ने कहा, 'यह अब भी अमेरिका में और असल में पूरे विश्व में जिंदगियों को प्रभावित कर रहा है.' चीन ने शुरुआत में वायरस की सूचना को बाहर नहीं आने दिया और इसका भंडाफोड़ करने वालों को हिरासत में ले लिया. वैश्विक महामारी बनने से पहले इस वायरस के प्रकोप को 31 दिसंबर को आधिकारिक मान्यता दी गई जब वुहान में अधिकारियों ने निमोनिया के रहस्यमयी मामलों की जानकारी दी थी.

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राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन ने चीन और डब्ल्यूएचओ दोनों की तीखी आलोचना की है और उन पर आरोप लगाया है कि दोनों ने दुनिया भर में 1,80,000 लोगों की जान लेने वाली बीमारी को रोकने के लिए कुछ नहीं किया. पोम्पिओ ने इससे पहले उन खबरों से भी इनकार नहीं किया था कि कोरोना वायरस वुहान की विषाणु विज्ञान प्रयोगशाला से निकला है और प्रयोगशाला तक अंतरराष्ट्रीय पहुंच की मांग भी की थी.