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ट्रंप सरकार का पाकिस्तान को बड़ा झटका, पाक को मिलने वाला मिलट्री फंड 'लोन' में होगा तब्दील

व्हाइट हाउस के मुताबिक अमेरिका पाकिस्तान को दी जाने वाले मिलट्री फंड को लोन में बदलेगा। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने आर्थिक वार्षिक बजट में प्रस्ताव किया है कि दूसरे देशों को दिए जाने वाली वित्तीय मदद को बंद कर लोन में बदला जाएगा।

Updated on: 23 May 2017, 05:38 PM

नई दिल्ली:

व्हाइट हाउस के मुताबिक अमेरिका पाकिस्तान को दी जाने वाले मिलट्री फंड को लोन में बदलेगा। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने आर्थिक वार्षिक बजट में प्रस्ताव किया है कि दूसरे देशों को दिए जाने वाली वित्तीय मदद को बंद कर लोन में बदला जाए। 

अमेरिका का यह प्रस्ताव देश की रक्षा संबंधी ज़रुरतों पर ज़्यादा ध्यान देने के लिए उठाया जा रहा है। ट्रंप सरकार के पहले वार्षिक बजट में राष्ट्रपति ने पाकिस्तान को आर्थिक मदद के रूप में दी गई धनराशि को कर्ज में तब्दील करने का प्रस्ताव रखा है।

डोनाल्ड ट्रंप ने अपने वार्षिक बजट में प्रस्ताव दिया है कि पाकिस्तान को अमेरिका की तरफ से सैन्य उपकरणों की खरीद के लिए दिए जाने वाले अनुदान को कर्ज में तब्दील कर देना चाहिए। हालांकि ट्रंप प्रशासन ने इस मुद्दे पर अंतिम फैसला विदेश मंत्रालय पर छोड़ दिया है। 

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ट्रंप के इस कदम को विदेशी मदद के बजट कम करने के प्रयासों के तौर पर देखा जा रहा है ताकि अमेरिकी सेना के बढ़े हुए खर्च को पूरा करने में मदद मिल सके।

पाकिस्तान के अलावा यह प्रस्ताव दूसरे देशों के लिए भी लाया गया है। व्हाइट हाउस में बजट प्रबंधन कार्यालय के निदेशक मिक मुलवाने ने बताया कि ट्रंप प्रशासन ने पाकिस्तान समेत कई देशों के लिए ये प्रस्ताव किया गया है।

उन्होंने बताया कि जिन देशों के साथ विदेशी सैन्य वित्तपोषण कार्यक्रम चल रहा है, उस मदद को बदलकर वित्तीय कर्ज कर देने का प्रस्ताव दिया गया है। हालांकि व्हाइट हाउस ने इसे एक विकल्प बताया है और साथ ही कहा है कि अगर जरूरत पड़ी तो यह सैन्य उपकरण खरीदने के लिए पाकिस्तान को दिए जाने वाले मूल वित्तीय अनुदान के रूप में ही तब्दील हो जाएगा।

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अमेरिका का मानना है कि ये आर्थिक मदद अनुदान के रूप में दी जाए या कर्ज के लिए सब्सिडी के तौर पर, इसका फैसला विदेश मंत्रालय करेगा। लेकिन इस्राइल और मिस्र जैसे देशों के लिए अमेरिका की सैन्य मदद अनुदान के रूप में ही जारी रहेगी। राष्ट्रपति बनने के बाद ट्रंप सरकार का ये पहला वार्षिक बजट है।

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