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अमेरिकी संसद में इस्लाम को लेकर लाया गया प्रस्ताव, कुरान को बताया गया अहम ग्रंथ

अमेरिका की संसद में इस्लाम (Islam) के लेकर एक प्रस्ताव लाया गया है, जिसमें इस्लाम को प्रमुख धर्म के तौर पर मान्यता देने की मांग की गई है.

Updated on: 04 Aug 2023, 04:31 PM

highlights

  • अमेरिका की संसद में इस्लाम को लेकर लाया गया प्रस्ताव.
  • विदेश मामलों की सदन समीति को भेज गया प्रस्ताव.  
  • कुरान को बताया गया इस्लाम का अहम ग्रंथ. 

नई दिल्ली:

American Congress Resolution on Islam And Quran: अमेरिका की संसद में इस्लाम (Islam) के लेकर एक प्रस्ताव लाया गया है, जिसमें इस्लाम को प्रमुख धर्म के तौर पर मान्यता देने की मांग की गई है. प्रस्ताव में कहा गया है कि इस्लाम शांति और सद्भाव को बढ़ाने वाला मजबह है प्रस्ताव इस्लाम धर्म को प्रमुख धर्म की मान्यता देने के लिए कहा गया है. अमेरिकी संसद में प्रस्ताव टेक्सास के सांसद अल ग्रीन ने पेश किया. इसमें कुरान (Quran) को भी लेकर तमाम बातें कही गई हैं. प्रस्ताव को इल्हान उमर, रशीदा तलीब और आंद्रे कार्सन जैसे सांसदों ने अपना समर्थन दिया है.  

इस्लाम के प्रति सम्मान और समझ को बढ़ाना है मकसद 

इस प्रस्ताव को लाने का मकसद अमेरिका के लोगों में इस्लाम के प्रति सम्मान और समझ को बढ़ाना है. अब ये प्रस्ताव विदेश मामलों की सदन समीति को भेज गया है. इस प्रस्ताव में मुसलमानों की प्रथाओं और परंपराओं का जिक्र किया गया है. प्रस्ताव में कुरान को इस्लाम का अहम ग्रंथ बताया गया है. मुसलमानों का मानना है कि इसके जरिए खुदा ने उन्हें जीवन जीने का तरीका बताया. 

अमेरिका में रहते हैं 35 लाख मुसलमान 

सदन में पहली बार प्रस्ताव 28 जुलाई को पेश किया गया था. सदन ने प्रस्ताव को विदेश मामलों की सदन समिति को भेज दिया था. प्रस्ताव में इस्लाम के बुनियादी सिद्धांतों और मुस्लिमों की प्रथाओं, परंपराओं का जिक्र है जिसमें बताया गया है कि इस्लाम शब्द का अर्थ 'ईश्वर की इच्छा के प्रति समर्पण और 'शांति' है. प्रस्ताव में ये भी कहा गया है कि इस्लाम दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा धर्म है. दुनिया भर में लगभग दो अरब मुसलमान हैं, अमेरिका में भी 35 लाख मुसलमान रहते हैं.

कुरान जलाने की घटनाओं का विरोध 

गौरतलब है कि, हाल ही में स्वीडन और डेनमार्क में कुरान जलाने का मामला सामने आया था. इस मामले को लेकर कई मु्स्लिम देशों की तरफ से कड़ी प्रतिक्रिया देखने को मिली थी. ऐसे में अगर ये प्रस्ताव पास हो जाता है तो इससे काफी बदलाव देखने को मिल सकता है. बीते सोमवार को भी स्वीडन में कुरान जलाने का मामला सामने आया था. कुरान जलाने की घटनाओं के विरोध में इस्लामिक देशों के सबसे बड़े संगठन इस्लामिक सहयोग संगठन (OIC) ने एक आपात बैठक बुलाई थी जिसमें सऊदी अरब के विदेश मंत्री फैसल बिन फरहान ने कुरान जलाने की घटनाओं पर स्वीडन और डेनमार्क की प्रतिक्रिया पर निराशा जाहिर की थी.