अमेरिका में भारतीय छात्र के साथ दरिंदगी! 7 महीनों तक बंधी बनाया.. खूब मारापीटा.. अब पुलिस ने बचाई जान

अमेरिकन अथॉरिटीज ने इस मामले में जानकारी देते हुए इस हादसे को "बिल्कुल अमानवीय और अचेतन" करार देते हुए इसकी काफी निंदा की है. मामले में अतिरिक्त जानकारी देते हुए अथॉरिटी ने बाताया कि...

अमेरिकन अथॉरिटीज ने इस मामले में जानकारी देते हुए इस हादसे को "बिल्कुल अमानवीय और अचेतन" करार देते हुए इसकी काफी निंदा की है. मामले में अतिरिक्त जानकारी देते हुए अथॉरिटी ने बाताया कि...

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Sourabh Dubey
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US_Police( Photo Credit : social media)

Washington: अमेरिका के मिसौरी में एक 20 वर्षीय भारतीय छात्र के साथ खौफनाक हादसा पेश आया, जहां उसे कुछ लोगों ने कई महीनों तक बंधक बनाकर रखा था. उसके साथ बेरहमी से मारपीट की और उसे तीन घरों में काम करने पर मजबूर किया. हालांकि जब इसकी भनक पास मे ही रहने वाले एक शख्स को लगी, तो उसने 911 पर कॉल करके इसकी इत्ताल पुलिस तक पहुंचाई, जिसके बाद आखिरकार अमेरिकन अथॉरिटीज ने उस बंधक को रिहाई दिलवाई. मामले में आगे खुलासा हुआ कि, उस शख्स को बंधक बनाने के पीछे उसी के चचेरे भाई और दो अन्य लोगों का हाथ था, जिसके बाद फौरन उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया. 

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अमेरिकन अथॉरिटीज ने इस मामले में जानकारी देते हुए इस हादसे को "बिल्कुल अमानवीय और अचेतन" करार देते हुए इसकी काफी निंदा की है. मामले में अतिरिक्त जानकारी देते हुए अथॉरिटी ने बाताया कि, दरअसल ये घटना अमेरिकी राज्य मिसौरी के पुलिस सेंट चार्ल्स काउंटी में एक ग्रामीण राजमार्ग पर मौजूद घर की है, जहां बुधवार को एक भारतीय छात्र को उसके ही चचेरे भाई समते कुछ लोगों ने जिनकी पहचान, वेंकटेश आर सत्तारु, श्रवण वर्मा पेनुमेत्चा और निखिल वर्मा पेनमात्सा के तौर पर हुई है कई महीनों तक तीन घरों में बंधक बना रखा था.

इसके बाद मामले की इत्ताल मिलने पर, पुलिस ने मौके पर पहुंचकर तीनों को मानव तस्करी, अपहरण और हमले सहित अपराधों में गिरफ्तार कर लिया. इस मामले में पीड़ित से जुड़ी जानकारी देते हुए अभियोजक जो मैकुलोच ने बताया कि,  फिलहाल पीड़ित सुरक्षित है और कई हड्डियों के फ्रैक्चर के साथ-साथ उसके पूरे शरीर पर घाव और चोटें आई हैं, फिलहाल उसे इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है. 

आरोप है कि, बीते करीब सात महीनों तक लोगों ने इस भारतीय छात्र को एक तहखाने में कैद कर रखा था, जहां उसे सोने के लिए मजबूर किया जाता. साथ ही तीन घरों में काम करे लिए मजबूर किया जाता था. इसे लेकर हुई एक प्रमुख क्षेत्रीय समाचार पत्र में बड़ा खुलासा भी हुआ, जहां बताया गया कि उसे बिजली के तार, पीवीसी पाइप, धातु की छड़ें, लकड़ी के बोर्ड, लाठियों और वॉशिंग मशीन के लिए पानी की आपूर्ति नली से पीटा गया.

अभियोजक का कहना है कि, उन लोगों द्वारा इस तरह की हरकत बिल्कुल अमानवीय और अचेतन है. एक इंसान किसी दूसरे इंसान के साथ आखिर इस तरह का व्यवहार कर कैसे सकता है. फिलहाल मामले की तफ्तीश जारी है. जानकारी मिली है कि, मामले में मुख्य आरोपी वेंकटेश आर सत्तारु को माना गया है, जिसकी पहचान सरगना के तौर पर हुई है. वह अपनी पत्नी और बच्चों के साथ ओ'फालोन घर में रहता था.

Source : News Nation Bureau

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