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डब्ल्यूएचओ को 20 करोड़ डॉलर से अधिक का भुगतान करेगा अमेरिका

उन्होंने अपनी टिप्पणी में आगे कहा, यह हमारी उस नवीनीकृत प्रतिबद्धता को सुनिश्चित करता है कि महामारी के प्रति वैश्विक प्रतिक्रिया का नेतृत्व करने की दिशा में डब्ल्यूएचओ के पास सभी आवश्यक समर्थनों की उपलब्धता है.

Updated on: 18 Feb 2021, 10:16 AM

नई दिल्ली:

अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा है कि मूल्यांकन और वर्तमान दायित्वों के चलते संयुक्त राज्य अमेरिका इस महीने के अंत तक विश्व स्वास्थ्य संगठन को 20 करोड़ डॉलर से अधिक राशि का भुगतान करेगा. सिन्हुआ समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक, बुधवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की एक ब्रीफिंग में बिलंकन ने कहा, "संगठन के एक सदस्य के रूप में वित्तीय दायित्वों को पूरा करने की दिशा में यह हमारी तरह से लिया गया एक महत्वपूर्ण कदम है. उन्होंने अपनी टिप्पणी में आगे कहा, यह हमारी उस नवीनीकृत प्रतिबद्धता को सुनिश्चित करता है कि महामारी के प्रति वैश्विक प्रतिक्रिया का नेतृत्व करने की दिशा में डब्ल्यूएचओ के पास सभी आवश्यक समर्थनों की उपलब्धता है.

इससे पहले अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति ने संगठन पर आरोप लगाया था कि डब्ल्यूएचओ महमारी की स्थिति को सही तरीके से संभालने में असमर्थ रहा है, महामारी को लेकर संगठन ने पारदर्शिता भी नहीं बरती है, उनकी तरफ से उठाए गए कदमों से चीन को फायदा मिला है, जबकि अमेरिका सबसे अधिक फंडिंग करता है, लेकिन इसके बावजूद भी संगठन का बर्ताव अमेरिका के प्रति सही नहीं रहा है. इन्हीं सभी वजहों के चलते ट्रंप प्रशासन ने अपनी फंडिंग को रोकने का फैसला लेते हुए खुद को संगठन से अलग कर लिया था. अमेरिका के नए राष्ट्रपति जो बाइडन कार्यालय में अपने पहले ही दिन डोनाल्ड ट्रंप की पूर्ववर्ती कुछ नीतियों को बदलते हुए संगठन में दोबारा वापस आने का ऐलान किया था.

कोवैक्स अभियान पर विश्व स्वास्थ्य संगठन
विश्व स्वास्थ्य संगठन कोवैक्स नाम का एक अभियान चला रही है. इसके तहत WHO दुनिया के गरीब देशों को कोरोना वायरस की वैक्सीन पहुंचा रहा है. WHO के हेड टेड्रोस एडहानॉम ने कहा कि इन दो वैक्सीन को हरी झंडी दिखाए जाने के बाद दुनियाभर में कोवैक्स अभियान में तेजी आएगी. उन्होंने कहा कि दुनिया के कई देश आर्थिक कमजोरी की वजह से कोरोना वायरस वैक्सीन नहीं ले पा रहे और इसी वजह से इन देशों में कोरोना वायरस लगातार कई लोगों की जानें ले रहा है.  WHO ने इन दोनों वैक्सीन की पूरी जांच की, जिसके बाद सुरक्षा और गुणवत्ता के आधार पर इन्हें हरी झंडी दिखाई गई. WHO ने कहा कि इन दो वैक्सीन के इस्तेमाल की मंजूरी के बाद ऐसे देशों में कोरोना वायरस टीकाकरण अभियान को शुरू कर दिया जाएगा.