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रक्षा क्षेत्र में भारत का ‘पहला विकल्प’ बनने की कोशिश कर रहा अमेरिका, जानें क्यों

अमेरिकी रक्षा विभाग के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा है कि देश रक्षा क्षेत्र में भारत का ‘पहला विकल्प’ बनने का प्रयास कर रहा है. उन्होंने उल्लेख किया कि पिछले 10 साल में भारत को अमेरिका की रक्षा बिक्री शून्य से बढ़कर इस साल 20 अरब डॉलर से अधिक की हो गई.

Updated on: 22 Jul 2020, 05:37 PM

वाशिंगटन:

अमेरिकी रक्षा विभाग के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा है कि देश रक्षा क्षेत्र में भारत का ‘पहला विकल्प’ बनने का प्रयास कर रहा है. उन्होंने उल्लेख किया कि पिछले 10 साल में भारत को अमेरिका की रक्षा बिक्री शून्य से बढ़कर इस साल 20 अरब डॉलर से अधिक की हो गई. अमेरिका के रक्षा खरीद मामलों के उप मंत्री एलन एम लॉर्ड ने मंगलवार को कहा कि भारत जैसे महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय साझेदारों के साथ खरीद और सहायता पहलों को बढ़ावा देना मेरे लिए शीर्ष प्राथमिकता है.

उन्होंने यूएस-इंडिया बिजनेस काउंसिल द्वारा आयोजित ‘भारत विचार सम्मेलन’ में कहा कि पिछले 10 साल में भारत को अमेरिका की रक्षा बिक्री तेजी से बढ़ी है और हम रक्षा क्षेत्र में भारत का पहला विकल्प बनने का प्रयाास कर रहे हैं. भारत-अमेरिका के बीच रक्षा सहयोग ने पिछले दो साल में बड़ी छलांग लगाई है. लार्ड ने कहा कि इस सहयोग ने दोनों देशों की सरकारों के बीच घनिष्ठता कायम की है और इससे हिन्द प्रशांत क्षेत्र में स्थिरता भी मजबूत हुई है.

उनकी इस टिप्पणी से चंद घंटे पहले अमेरिका के रक्षा मंत्री मार्क एस्पर ने भारत के साथ बढ़ते सैन्य सहयोग को रेखांकित करते हुए कहा कि यह 21वीं सदी के सबसे महत्वपूर्ण रक्षा संबंधों में से एक है. इस बीच, एक तथ्य पत्र में अमेरिकी विदेश विभाग के राजनीतिक और सैन्य मामलों के ब्यूरो ने कहा कि भारत के साथ रक्षा व्यापार 2008 के शून्य से बढ़कर 2020 में 20 अरब डॉलर से अधिक का हो गया है.