चीन को वर्ल्ड बैंक से मिलने वाले लोन पर अमेरिका ने उठाए सवाल

मेरिका के ट्रेज़री अधिकारी ने वर्ल्ड बैंक की नीति पर सवालिया निशान लगाते हुए चीन जैसे अमीर देशों को वित्तीय मदद दिए जाने का मुद्दा उठाया है।

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Shivani Bansal
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चीन को वर्ल्ड बैंक से मिलने वाले लोन पर अमेरिका ने उठाए सवाल

वर्ल्ड बैंक रिपोर्ट (फाइल फोटो)

मेरिका के ट्रेज़री अधिकारी ने वर्ल्ड बैंक की नीति पर सवालिया निशान लगाते हुए चीन जैसे अमीर देशों को वित्तीय मदद दिए जाने का मुद्दा उठाया है। 

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अमेरिका के वरिष्ठ ट्रेज़री अधिकारी ने सवाल उठाते हुए कहा है कि वर्ल्ड बैंक चीन जैसे अमीर देशों को लोन दे रहा हैं, जो अपने विकास कार्यों के लिए खुद खर्च कर सकते हैं और जिनके विकास से उन गरीब देशों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है जिन्हें मदद की ज़रुरत है।

ट्रेजरी के अंतर्गत अंतरराष्ट्रीय मामलों के सचिव, डेविड मालपास ने चीन को इस अभ्यास का उदाहरण बताते हुए यह मुद्दा उठाया है, जो इस साल वर्ल्ड बैंक का सबसे बड़ा लोन (2.4 अरब डॉलर) लेने वाला देश है। 

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उन्होंने कहा कि ट्रंप प्रशासन विश्व बैंक को उन देशों को आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित करेगा जिससे ग्रेजुएशन लेवल पर पहुंच उनकी अर्थव्यवस्थाएं बढ़ती हैं और वे वित्तपोषण के निजी स्रोतों तक पहुंचने में सक्षम हैं।

यूएस ट्रेज़री अधिकारी ने कहा, 'कई स्नातक योग्य देशों, यहां तक ​​कि जिन लोगों की मजबूत बाजार पहुंच है उन्होंने वर्ल्ड बैंक (विश्व बैंक) से वित्त की मांग की है।' उन्होंने कहा कि, 'स्नातक नीति धीरे-धीरे कमजोर हुई है।'

मालपास ने कहा कि 2009 से स्नातक योग्य देशों ने वर्ल्ड बैंक से मदद के रुप में औसतन, इंस्टीट्यूशन लैंडिंग का 40 फीसदी फंड ही प्राप्त किया है। 

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उन्होंने की कहा कि फिलहाल 25 देशों की आय ग्रेजुएशन सीमा के ऊपर है, और छह देश तो उच्च आय में शामिल है जब प्रति व्यक्ति आय 12,475 डॉलर पर कैपिटा से अधिक है।

इसके अलावा, विश्व बैंक को कटघरे में खड़ा करते हुए मालपास ने कहा कि विश्व बैंक अपने खुद के दिशानिर्देशों का पालन करने और उभरने के लिए देशों की मदद के लिए चर्चा करने के नियमों का पालन करने में विफल रहा है।  

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Source : News Nation Bureau

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