म्यांमार में तख्तापलट के बाद बाइडन की प्रतिबंध लगाने की चेतावनी

आंग सान सू ची (Aung San Suu Kyi) समेत देश के शीर्ष नेताओं को सोमवार को हिरासत लेने के कदम की अमेरिका ने आलोचना की.

आंग सान सू ची (Aung San Suu Kyi) समेत देश के शीर्ष नेताओं को सोमवार को हिरासत लेने के कदम की अमेरिका ने आलोचना की.

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Nihar Saxena
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Joe Biden

म्यांमार तख्तापलट पर सैन्य शासन के खिलाफ अमेरिका के तेवर कड़े.( Photo Credit : न्यूज नेशन)

म्यामांर में सेना द्वारा किए गए तख्तापलट को लोकतंत्र की ओर बढ़ते कदम पर सीधा हमला करार देते हुए अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन (Joe Biden) ने सोमवार को इस देश पर नए प्रतिबंध लगाने की चेतावनी दी है. इसके साथ ही स्टेट काउंसलर आंग सान सू ची (Aung San Suu Kyi) समेत देश के शीर्ष नेताओं को सोमवार को हिरासत लेने के कदम की अमेरिका ने आलोचना की.

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अमेरिका ने लोकतंत्र पर हमला बताया
मीडिया की खबरों के अनुसार, सेना के स्वामित्व वाले टेलीविजन चैनल 'मयावाडी टीवी' पर सोमवार सुबह यह घोषणा की गई कि सेना ने एक साल के लिए देश का नियंत्रण अपने हाथ में ले लिया है. बाइडन ने एक बयान में कहा, 'बर्मा (म्यांमार) की सेना द्वारा तख्तापलट, आंग सान सू ची एवं अन्य प्राधिकारियों को हिरासत में लिया जाना और राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा देश में सत्ता के लोकतंत्रिक हस्तांतरण पर सीधा हमला है.' उन्होंने कहा, 'लोकतंत्र में सेना को जनता की इच्छा को दरकिनार नहीं करना चाहिए. लगभग एक दशक से बर्मा के लोग चुनाव कराने, लोकतांत्रिक सरकार स्थापित करने और शांतिपूर्ण सत्ता हस्तांतरण को लेकर लगातार काम कर रहे हैं. इस प्रगति का सम्मान किया जाना चाहिए.' अमेरिकी राष्ट्रपति ने वैश्विक समुदाय का भी आह्वान किया कि वह एक स्वर में म्यामांर की सेना पर दबाव डाले.

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टोनी ब्लिंकेन भी दिखा रहे आंखे
अमेरिका के विदेश मंत्री टोनी ब्लिंकेन ने कहा कि म्यांमार की सेना द्वारा स्टेट काउंसलर सू ची एवं अन्य अधिकारियों समेत सरकार के नेताओं को हिरासत में लिये जाने की घटना से अमेरिका बेहद चिंतित है. ब्लिंकेन ने एक बयान में कहा, 'हमने म्यांमार की सेना से सभी सरकारी अधिकारियों और नेताओं को रिहा करने का आह्वान किया है और आठ नवंबर को लोकतांत्रिक प्रक्रिया के तहत हुए चुनावों में म्यांमार की जनता के फैसले का सम्मान करने को कहा है. अमेरिका लोकतंत्र, स्वतंत्रता, शांति एवं विकास के आकांक्षी म्यांमार के लोगों के साथ है. सेना को निश्चित रूप से इन कदमों को तुरंत पलटना चाहिए.'

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