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रूस के इन खतरनाक हथियारों से अमेरिका ही नहीं खौफ खाती है पूरी दुनिया

रूस के पास ऐसे कई हथियार हैं जो मॉस्को को फिर से सुपरपावर बना सकते हैं.

Updated on: 22 Oct 2019, 04:22 PM

नई दिल्‍ली:

शीतयुद्ध के बाद से रूस को सैन्य रूप से कमजोर माना जाने लगा, लेकिन बीते साल सीरिया के संघर्ष ने साफ कर दिया है कि रूस सैन्य रूप से बहुत ताकतवर है. रूस के पास ऐसे कई हथियार हैं जो मॉस्को को फिर से सुपरपावर बना सकते हैं.

टी-14 टैंक: यह पांचवीं पीढ़ी का टैंक है. रूस ने इसे 2015 में लॉन्च किया. इस टैंक को रोबोटिक कॉम्बैट व्हीकल में भी बदला जा सकता है. हाल ही में रूस ने इस पर 152 एमएम की तोप लगाने का एलान किया है. रूसी शीर्ष राजनीतिक नेतृत्व की मानें तो यह तोप एक मीटर मोटी स्टील की चादर को भेद सकती है.

युद्धपोत प्योत्र वेलिकी: अटलांटिक महासागर में रूस के उत्तरी बेड़े का यह सबसे घातक युद्धपोत है. परमाणु ऊर्जा से चलने वाला यह युद्धपोत किरोव क्लास युद्धपोतों का हिस्सा है. नाटो इसे विमानवाही पोतों का हत्यारा. कहता हैं यह बैलेस्टिक मिसाइल को भी नष्ट कर सकता है.

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एस-400 मिसाइल: रफ्तार 17,000 किलोमीटर प्रति घंटा और 400 मीटर के दायरे में किसी भी लक्ष्य को भेदने की क्षमता के चलते पायलट इससे घबराते हैं. सीरिया के उडारान खामेमिम बेस में जब रूस ने इन मिसाइलों को तैनात किया तो अमेरिका को अपने लड़ाकू विमान वहां से हटाने पर मजबूर होना पड़ा. अब रूस एस-400 को और बेहतर कर रहा है.

सुखोई टी-50: रूस का यह लड़ाकू विमान अमेरिका के हर तरह के लड़ाकू विमानों पर भारी पड़ता है. 2010 में पहली उड़ान के बाद रूस और भारत ने इसे साथ बनाने का फैसला किया. रणनीतिक साझीदारी के तौर पर रूस और भारत इसे बड़े पैमाने पर बनाएंगे, लेकिन इस योजना पर वित्तीय मतभेद भारी पड़ रहे हैं. हालांकि भारत में नई सरकार बनने के बाद इस परियोजना में खासी तेजी आई है.

सुखोई एसयू-35: रूस का यह लड़ाकू विमान अमेरिका के एफ-16 पर भारी पड़ता है. इसका मुकाबला करने के लिए अमेरिका ने एफ-35 बनाया, लेकिन हाल ही में अमेरिकी रक्षा मंत्रालय पेंटागन के मुताबिक एफ-35 भी सुखोई से कमतर है. सुखोई एसयू-35 की तेज रफ्तार और जबरदस्त चपलता को टक्कर देना बहुत मुश्किल है.

हाइपरसोनिक रॉकेट वाईयू-71: रूस काफी समय से परमाणु हथियारों के लिए हाइपरसोनिक मिसाइल बनाना चाहता था. 'प्रोजेक्ट 4204' नाम के सीक्रेट कोड के साथ रूस ने वाईयू-71 बनाया. इसकी रफ्तार 12,000 किलोमीटर प्रतिघंटा है. यह मिसाइल आराम से नाटो के डिफेंस सिस्टम को भेद सकती है.

लड़ाकू हेलीकॉप्टर एमआई-28एन: अमेरिकी कंपनी बोइंग के अपाचे लॉन्गबो लड़ाकू हेलीकॉप्टर रफ्तार और हथियारों की क्षमता के मामले में इससे पीछे हैं. रूस का यह हेलीकॉप्टर टैंक, बख्तरबंद गाड़ियों पर हमला कर सकता है. यह रात में भी उड़ता है.

विमानवाही एडमिरल कुजनेत्सोव: एडमिरल कुजनेत्सोव दुनिया का अकेला विमानवाही पोत है जो कई तरह की एंटी बैलेस्टिक हथियारों और पनडुब्बी से लैस है. 1990 में पेश किया गया यह पोत अमेरिकी विमानवाही पोतों से उलट अकेला समंदर का सफर कर सकता है. वैसे 1991 में सोवियत संघ के विघटन के वक्त यह पोत यूक्रेन के हाथ लगने वाला था.

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तुपोलेव टीयू-160एम: टीयू-160एम इस वक्त दुनिया का सबसे बड़ा और भारी बमवर्षक है. रूसी पायलट इसे सफेद हंस कहते हैं. 2014 में आधुनिकीकरण के बाद टीयू-160एम की युद्ध क्षमता दोगुनी कर दी गई.

परमाणु पनडुब्बी यूरी डोग्लोरुकी: बीते दशक में रूस ने बड़ी पनडुब्बियों के बजाए छोटी पनडुब्बियां बनानी शुरू कीं लेकिन यह जानलेवा साबित हुआ. यूरी डोग्लोरुकी के साथ रूस ने इस तकनीकी बाधा को दूर किया. साउंडप्रूफ होने की वजह से समंदर में इसका पता लगाना बहुत ही मुश्किल है. इसमें परमाणु हथियार लगाए जा सकते हैं. ये एक बार पानी के भीतर जाकर कई सौ किलोमीटर का सफर तय कर सकती है.

रूस के मिसाइल

किंझल मिसाइल

  • यह हवा में लॉन्च की जा सकती है और अधिक सटीक अंदाज़ में निशाना साध सकती है.
  • इसकी गति के कारण इसे भेदना मुश्किल है. इसकी तेज गति और सटीक निशाना इसकी सबसे बड़ी ताकत है.
  • यह दो हज़ार किलोमीटर से अधिक दूरी तक निशाना साधने में सक्षम है.
  • यह हाइपरसोनिक मिसाइल एक घंटे के भीतर दुनिया के किसी भी कोने में हमला कर सकती है.
  • यह मिसाइल बहुत घातक होती है क्योंकि दुनिया का कोई भी हिस्सा इसकी जद में आ सकता है.
  • इसकी गति इतनी ज्यादा होती है कि एक बार लॉन्च करने के बाद रोकना असंभव होता है.
  • यह मिसाइल पहले वायुमंडल के ऊपर जाती है और फिर वायुमंडल में ज्यादा गति के साथ प्रवेश करती है. इस तरह यह और भी घातक हो जाती है.
  • इसे जेट विमान से भी लॉन्च किया जा सकता है.

एवनगार्ड मिसाइल

  • एवनगार्ड एक बिल्‍कुल नए तरीके का मिसाइल है. इसकी रफ्तार 25 हज़ार किलोमीटर प्रतिघंटे है.
  • इसकी स्‍पीड ही सही मायने में इसकी सबसे बड़ी ताकत भी है.  एवनगार्ड एक उल्कापिंड की तरह हमला करती है.
  • एक द्वीप से दूसरे द्वीप आसानी से मार कर सकती है.  यह कई हज़ार किलोमीटर तक सीधी और खड़ी मार कर सकती है.
  • यह मिसाइल रूस के किसी भी इलाके से छोड़ने के बाद कुछ ही वक्‍त में तय क्षेत्र पर कहर बरपा सकती है.
  • इस मिसाइल की खासियत है कि ये वायुमंडल में निचले स्तर पर उड़ती है और इस कारण इसे इंटरसेप्ट करना भी आसान नहीं होता है.

मॉस्किटो मिसाइल

  • इलका मूल नाम पी-270 मॉस्किट है.  यह एंटी शिप क्रूज मिसाइल है.
  • रूस का यह प्रमुख एंटी शिप क्रूज मिसाइल है. यह 150 किलो विस्फोटक ले जाने में सक्षम है.
  • यह 20,000 किलो के जहाज को पलक झपकते नष्ट कर सकता है.  यह एक सुपरसोनिक मिसाइल है जो कम ऊंचाई पर सटीक निशाना लगाती है.
  • इसकी मारक क्षमता 120 किलोमीटर है.  इसका वजन 4,500 किलो और लगभग लंबाई 10 मीटर है.