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अमेरिका ने 21 साल बाद लिया अपना बदला, अल जवाहिरी को ऐसे उतारा मौत के घाट

जवाहिरी ओसामा बिन लादेन के बाद अल कायदा का चीफ बन गया था। 9/11 हमले के मास्टर माइंड जवाहिरी पर करीब 50 हजार फीट की उंचाई से ड्रोन के जरिए दो मिसाइल दागी गई

Updated on: 04 Aug 2022, 02:20 PM

नई दिल्ली:

पूरे 21 साल बाद अमेरिका ने आखिरकार अल कायदा के चीफ अयमान अल जवाहिरी को मौत के घाट उतार ही दिया। जवाहिरी ओसामा बिन लादेन के बाद अल कायदा का चीफ बन गया था। 9/11 हमले के मास्टर माइंड जवाहिरी पर करीब 50 हजार फीट की उंचाई से ड्रोन के जरिए दो मिसाइल दागी गई। अल कायदा के मुखिया अयमान अल जवाहिरी के लिए 31 जुलाई की सुबह उसकी आखिरी सुबह हो गई। काबुल में जब सुबह के 6 बजकर 18 मिनट पर सब सो रहे थे, तब अमेरिका ने आतंक के सबसे बड़े सरगना की कहानी का अंत कर दिया। अमेरिकी ने जवाहिरी पर ड्रोन की मदद से हेलफायर मिसाइल दाग दी, जिसके तेज धारदार ब्लेड्स ने जवाहिरी के टुकड़े-टुकड़े कर दिए। कदम-कदम पर सावधानी बरतने वाला और हमेशा छुपकर रहने वाले जवाहिरी के खात्में का मिशन हैरान करने वाला है। 

क्या है हैलफायर मिसाइल जिसने किया जवाहिरी  का खात्मा ?
दुनिया के सबसे बड़े आतंकी संगठन अल कायदा का चीफ जब खुली हवा में सांस लेने के लिए बालकनी में आया, तब जमीन से करीब 50 हज़ार फीट की ऊंचाई से एमक्यू-9 ड्रोन ने तेज धारदार ब्लेड्स से भरे दो आर-9-एक्स हेलफायर मिसाइल दाग दिए। 2019 में ये मिसाइल बेहद दूर से सटीक निशाना बनाने के लिए डेवलप की गई थी। मिसाइल में किसी तरह के बारूद का इस्तेमाल नहीं किया जाता है। इसके तेज धारदार ब्लेड्स किसी भी मजबूत चीज़ के चंद सेकेंड में टुकड़े कर देते हैं, फिर चाहे वो कोई इंसान ही क्यों ना हो।

पहले से की जा रही थी जवाहिरी की मौत की प्लानिंग 
करीब 3 महीने से अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन को जवाहिरी की जानकारी दी जा रही थी, लेकिन 1 जुलाई को बाइडेन ने जवाहिरी की मौत का फाइनल ड्राफ्ट तैयार किया। सूत्रों की मानें तो जो बाइडेन सीआईए के इस प्लान पर बारिकी से नज़र बनाए हुए थे। दरअसल वह दो बातें सुनिष्चित करना चाहते थे, पहली ये की किसी भी कीमत पर जवाहिरी बचना नहीं चाहिए और दूसरी ये कि इस हमले में और किसी को कोई नुकसान नहीं पहुंचना चाहिए। शायद तभी इस काम के लिए ड्रोन हमले से हेलफायर मिसाइल को चुना गया। 

आतंकी अयमान अल जवाहिरी की मौत इतनी भी आसान नहीं थी। इसके पीछे 21 सालों की मेहनत छिपी थी। इतने सालों में जवाहिरी के बारे में अमेरिकी अफसरों ने हर छोटी जानकारी जुटाई और चंद सेकेंड में ही जवाहिरी की कहानी का अंत कर दिया।