परमाणु पनडुब्बी डील पर फ्रांस की नाराजगी के बाद अमेरिका ने दिया ये बड़ा बयान
अमेरिकी प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने सोमवार को कहा है कि ऑस्ट्रेलिया के अलावा अन्य देशों के साथ परमाणु ऊर्जा से चलने वाली पनडुब्बी प्रौद्योगिकी को साझा करने का उनका अब कोई इरादा नहीं है.
highlights
- अमेरिका ने कहा, यह डील सिर्फ ऑस्ट्रेलिया के लिए
- पनडुब्बी डील से नाराज हो चुका है फ्रांस
- अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया से अपने राजदूतों को वापस बुला लिया था फ्रांस
नई दिल्ली:
ब्रिटेन और अमेरिका के साथ परमाणु पनडुब्बी डील को लेकर फ्रांस की नाराजगी के बाद अमेरिका की ओर से एक बड़ा बयान आया है. अमेरिकी प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने सोमवार को कहा है कि ऑस्ट्रेलिया के अलावा अन्य देशों के साथ परमाणु ऊर्जा से चलने वाली पनडुब्बी प्रौद्योगिकी को साझा करने का उनका अब कोई इरादा नहीं है. अमेरिका ने कहा, हमारा इरादा इसे अन्य देशों में विस्तारित करने का नहीं है, यह ऑस्ट्रेलिया के लिए है और यह ऑस्ट्रेलियाई मामले से जुड़ी परिस्थितियों पर आधारित है. अमेरिका के एक अधिकारी ने एक कॉन्फ्रेंस कॉल के दौरान कहा कि क्या यह डील एक नया मिसाल कायम करता है. गौरतलब है कि संयुक्त राज्य अमेरिका भारत-प्रशांत क्षेत्र में त्रिपक्षीय सुरक्षा सहयोग बढ़ाने के लिए बनाए गए नव-घोषित ऑस्ट्रेलिया-यूके-यूएस (एयूकेयूएस) रक्षा समझौते के हिस्से के रूप में ऑस्ट्रेलिया को परमाणु ऊर्जा से चलने वाली पनडुब्बियों का एक बेड़ा प्रदान करेगा.
यह भी पढ़ें : पनडुब्बी विवाद पर फ्रांस ने ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका की आलोचना की
अधिकारी ने कहा कि राष्ट्रपति जो बिडेन ने अपने फ्रांसीसी समकक्ष इमैनुएल मैक्रोन से बात करने के लिए कहा है क्योंकि ऑस्ट्रेलिया, यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त राज्य अमेरिका के त्रिपक्षीय AUKUS समझौते द्वारा किए गए परमाणु पनडुब्बी डील की वजह से तनाव पैदा हुए थे जिसकी वजह से कैनबरा के बीच एक पूर्व पनडुब्बी सौदे को कमजोर करने का काम किया. हालांकि फ्रांस सरकार के एक प्रवक्ता ने कहा है कि अमेरिका और फ्रांस के नेताओं के बीच आने वाले दिनों में फोन पर बातचीत होगी.
इसलिए नाराज है फ्रांस
फ्रांस ऑस्ट्रेलिया के साथ करीब 90 अरब डॉलर का समझौता रद्द किए जाने से नाराज है. अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और युनाइटेड किंग्डम ने मिलकर एक नया रक्षा समूह बनाया है जो विशेषकर हिंद-प्रशांत क्षेत्र पर केंद्रित होगा. इस समूह के समझौते के तहत अमेरिका और ब्रिटेन अपनी परमाणु शक्तिसंपन्न पनडुब्बियों की तकनीक ऑस्ट्रेलिया के साथ साझा करेंगे. इस कदम को क्षेत्र में चीन की बढ़ती सक्रियता के बरअक्स देखा जा रहा है. नए समझौते के तहत अमेरिका परमाणु ऊर्जा से चलने वाली पनडुब्बी बनाने की तकनीक ऑस्ट्रेलिया को देगा जिसके आधार पर ऐडिलेड में नई पनडुब्बियों का निर्माण होगा. ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन के एक प्रवक्ता ने बताया कि नए समझौते के चलते फ्रांस की जहाज बनाने वाली कंपनी नेवल ग्रुप का ऑस्ट्रेलिया के साथ हुआ समझौता खत्म हो गया है.
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