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भारत-अमेरिका के बीच हुए 22 ड्रोन के समझौते ने बढ़ाई चीन की चिंता

अमेरिका ने भारत को 22 गार्जियन ड्रोन की बिक्री को मंजूरी दे दी है। दोनों देशों के बीच हुए इस सौदे पर चीन की चिंता बढ़ गई है।

Updated on: 28 Jun 2017, 12:32 AM

highlights

  • अमेरिका ने भारत को 22 गार्जियन ड्रोन की बिक्री को मंजूरी दे दी
  • यह ड्रोन रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण हिंद महासागर की करीब से निगरानी करने में सक्षम हो जाएगा

नई दिल्ली:

अमेरिका और भारत के बीच रक्षा एवं सुरक्षा सहयोग को मजबूत बनाने के लिए एक अहम सौदा हुआ है। अमेरिका ने भारत को 22 गार्जियन ड्रोन की बिक्री को मंजूरी दे दी है। दोनों देशों के बीच हुए इस सौदे पर चीन की चिंता बढ़ गई है।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच हुई बैठक के बाद जारी संयुक्त बयान में कहा गया है कि दोनों देश अत्याधुनिक रक्षा उपकरणों एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में साथ काम करने को उत्सुक हैं।

संयुक्त बयान में कहा गया है, 'भारत ने अमेरिका के सामने गार्जियन ड्रोन खरीदने की पेशकश रखी, जो भारत की सुरक्षा क्षमताओं में इजाफा करेगा, साझा सुरक्षा हितों को बढ़ावा देगा। यह पेशकश दोनों देशों के बीच साझेदारी को प्रदर्शित करता है।'

गार्जियन ड्रोन भारत की निगरानी क्षमता को बेहतर करेगा। यह ड्रोन रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण हिंद महासागर की करीब से निगरानी करने में सक्षम हो जाएगा। गार्जियन ड्रोन डील भारत के लिए फाइटर जेट से ज्यादा अहम है।

हिंद महासागर नौसेना संगोष्ठी (आईओएनएस) में अमेरिका को बतौर निगरानीकर्ता शामिल किए जाने का भारत के पुरजोर समर्थन करने को लेकर ट्रंप ने मोदी की सराहना की है। वहीं अमेरिका ने भी परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी), वासेनार अरेंजमेंट और आस्ट्रेलिया समूह में भारत की जल्द से जल्द सदस्यता का समर्थन किया है।

अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र की संशोधित सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सदस्यता का समर्थन करने की भी फिर से पुष्टि की है।

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क्यों खास है ये डील
भारत ने पिछले साल अमेरिका से इन ड्रोन्स की मांग की थी। माना जा रहा है कि इस डील को करने में यूएस एयरोस्पेस एक्सपर्ट डॉ.विवेक लाल ने अहम भूमिका निभाई है। इन ड्रोन्स की सहायता से भारत 7500 किलोमीटर लंबी तटरेखा पर नजर रखने में सक्षम हो सकेगा।

गार्जियन ड्रोन की खासियत 

गार्जियन ड्रोन को अमेरिका के कैलिफोर्निया की जनरल ऑटोमिक्स कंपनी बनाती है। इन ड्रोन्स की सहायता से खुफिया, निगरानी और टोही गतिविधियों पर नजर रखी जा सकती है। यह ड्रोन 27 घंटे तक 50,000 फीट की ऊंचाई पर उड़ सकता है। गार्जियन ड्रोन प्रीडेटर गार्जियन यूएवी, प्रीडेटर बी का एक संस्करण है।

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