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18 वर्ष बाद आसमान में दिखेगा अद्भुत नजारा, एक साथ नजर आएंगे ये 5 ग्रह

आकाश में अकसर कुछ न कुछ अद्भुत खगोलीय घटनाएं होती रहती है. ज्योतिष की नजर में इन घटनाओं का भले ही जो भी प्रभाव हो, लेकिन दर्शकों के लिए इन दुर्लभ नजरों को देखना आकर्षण का केंद्र होता है. ऐसा ही एक नजारा इस माह आसमान में देखने को मिलेगा.

Updated on: 05 Jun 2022, 08:56 AM

highlights

  • इससे पहले 2004 में दिखा था ऐसा अद्भुत नजारा
  • 2040 में एक बार फिर से दिखाई देगा ऐसा ही नजारा
  • अर्धचंद्र के साथ 24 जून का नजारा होगा बेहद खास

नई दिल्ली:

आकाश में अकसर कुछ न कुछ अद्भुत खगोलीय घटनाएं होती रहती है. ज्योतिष की नजर में इन घटनाओं का भले ही जो भी प्रभाव हो, लेकिन दर्शकों के लिए इन दुर्लभ नजरों को देखना आकर्षण का केंद्र होता है. ऐसा ही एक नजारा इस माह आसमान में देखने को मिलेगा. दरअसल, इस माह एक साथ बुध, शुक्र, मंगल, बृहस्पति और शनि ग्रहों को देखने को मिलेगा. ये दुर्लभ नजारा अब 18 साल पहले 2004 में पृथ्वी पर देखा गया था. तब भी ये पांच ग्रह एक साथ देखे गए थे. गौरतलब है कि  18 वर्षों में ऐसा पहली बार हो रहा है जब पांच ग्रह- बुध (Mercury), शुक्र (Venus), मंगल (Mars), बृहस्पति (Jupiter) और शनि (Saturn) इस पूरे महीने एक क्रम में होंगे और इन्हें सुबह-सुबह क्रमवार देखा जा सकता है.

यह कोई अद्भुत घटना नहीं
स्काई एंड टेलिस्कोप (Sky & Telescope) के ऑब्जर्विंग एडिटर डायना हेनेकेन (Diana Haani Kainen) के बयान के मुताबिक इन पांचों ग्रहों का इस तरह एक सीध में दिखना कोई दुर्लभ घटना नहीं है. उनके मुताबिक इससे पहले ये सभी ग्रह 2004 में भी इसी तरह एक सीध में आए थे. उन्होंने आगे बताया कि ये एक बार फिर से 2040 में भी ये एक साथ नजर आएंगे.  

24 जून को बहुत ही रोचक होगा ये नजारा
24 जून का ये नजारा और भी रोचक होगा. दरअसल, इस दिन शुक्र और मंगल के बीच चांद भी दिखेगा. इस घटना के बारे में बताते हुए हेनेकेन ने कहा कि ये घटना भले ही दुर्लभ न हो, लेकिन जब आप तड़के सुबह घर के बाहर निकलें और ये ग्रह एक सीध में आपको नजर आ जाएं, तो ये अपने आप में दुर्लभ होगा. उन्होंने बताया कि जैसे-जैसे जून का महीना आगे बढ़ेगा, बुध (Mercury ) को देखना आसान होता जाएगा. इसके बाद 24 जून को नजारा बेहद खास हो जाएगा.  उस दिन शुक्र और मंगल के बीच घटते हुए अर्धचंद्र (Crescent Moon) को भी देखा जा सकेगा. बस इस नजारे को देखने के लिए सूर्योदय से करीब 30 मिनट पहले उस जगह पहुंचना होगा, जहां से ये नजारा आपको दिखाई दे सके. इसे आसमान के पूर्वी हिस्से में बड़ी ही आसानी से देखा जा सकता है.