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NSA अजीत डोभाल मॉस्को में अपने समकक्ष से मिले, हुई कई मसलों पर चर्चा

अजीत डोभाल (Ajit Doval) का यह दौरा ऐसे समय हो रहा है, जब भारत और रूस के बीच ऊर्जा सुरक्षा से लेकर यूक्रेन विवाद पर लगातार चर्चा हो रही है. इसके साथ ही यूक्रेन पर रूसी हमले को लेकर नई दिल्ली ने अभी तक मॉस्कों की निंदा नहीं की है.

Updated on: 18 Aug 2022, 08:15 AM

highlights

  • रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच एनएसए अजीत डोभाल का मॉस्को दौरा
  • द्विपक्षीय मसलों समेत साझे हितों और वैश्विक स्थिति पर हुई वार्ता

मॉस्को:

भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने बुधवार मॉस्को में अपने रूसी समकक्ष निकोलाई पैट्रुशेव से मुलाकात कर साझा हित वाले वैश्विक मसलों समेत दिल्ली-मॉस्को से जुड़े तमाम द्विपक्षीय संबंधों पर बातचीत की. इस मुलाकात के बाद रूसी दूतावास ने एक बयान जारी कर कहा कि दोनों देशों के एनएसए के बीच क्षेत्रीय समस्याओं समेत सुरक्षा को लेकर बातचीत हुई. भारत में स्थित रूसी दूतावास ने अपने बयान में कहा, ‘दोनों पक्षों का रूसी-भारतीय विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी के विकास पर जोर रहेगा. इसके साथ ही दोनों देश सुरक्षा परिषदों (Security Council) के बीच बातचीत जारी रखने पर सहमत हैं. गौरतलब है कि अजीत डोभाल (Ajit Doval) का यह दौरा ऐसे समय हो रहा है, जब भारत और रूस के बीच ऊर्जा सुरक्षा से लेकर यूक्रेन विवाद (Russia Ukraine War) पर लगातार चर्चा हो रही है. इसके साथ ही यूक्रेन पर रूसी हमले को लेकर नई दिल्ली ने अभी तक मॉस्कों की निंदा नहीं की है.  

रूस बना भारत के लिए सबसे बड़ा कच्चे तेल का आपूर्तिकर्ता
गौरतलब है कि अमेरिकी की एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक रूस जून में सऊदी अऱब को दूसरे स्थान पर पीछे छोड़ भारत को कच्चे तेल की आपूर्ति करने वाला सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता बन गया है. भारत लंबे समय से अपने इसी पक्ष से कायम है कि मॉस्को से तेल का आयात उसकी ऊर्जा सुरक्षा से जुड़ी जरूरतों के तहत ही हो रहा है. अमेरिकी मीडिया रिपोर्ट के बाद विदेश मंत्री एस जय़शंकर ने मंगलवार को भारत के रूस से कच्चे तेल के आयात का बचाव करते हुए दे टूक कहा था कि यह भारत के लिए बेहतरीन सौदा है. 

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एस जयशंकर ने रूस-भारत सौदे को बताया बेहतरीन
बैंकॉक में भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए विदेशमंत्री एस जयशंकर ने रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण वैश्विक स्तर पर ऊर्जा कीमतों में आए उछाल पर चर्चा की. उन्होंने कहा, 'हम अपने हितों को लेकर बेहद ईमानदारी और खुलेपन से काम कर रहे हैं. हम उस देश से संबंध रखते हैं जहां प्रति व्यक्ति आय 2 हजार डॉलर है, जो बेहद ऊंची दरों पर ईंधन या ऊर्जा क्षेत्रों से जुड़े अन्य उत्पाद नहीं खरीद सकते हैं. इस लिहाज से यह मेरा नैतिक दायित्व है कि आम भारतीयों के हित में बेहतरीन सौदा किया जाए.'