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पीएम मोदी ने श्रीलंका में वाराणसी और कोलंबो के बीच सीधी उड़ान की घोषणा की

श्रीलंका के दौरे पर गए भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी से कोलंबों के लिए सीधे उड़ान की घोषणा की है।

Updated on: 12 May 2017, 11:58 AM

highlights

  • पीएम मोदी की घोषणा, वाराणसी से कोलंबो के लिए होगी सीधी उड़ान
  •  श्रीलंका में 'वेसाक दिवस' को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने किया ऐलान

नई दिल्ली:

श्रीलंका के दौरे पर गए भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी से कोलंबो के लिए सीधे उड़ान की घोषणा की है। पीएम मोदी 'वेसाक दिवस' में भाग लेने के लिए श्रीलंका गए हुए हैं। इस सम्मेलन में वे मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल हों रहे हैं। 

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा, 'आने वाले अगस्त से वाराणसी और कोलंबो के बीच सीधी विमान सेवा होगी।' इस दौरान उन्होंने कहा कि वैशाख बौद्ध धर्म की विरासत को मनाने का एक अवसर है। भारत और श्रीलंका के बीच मित्रता बुद्ध के समय में ही शुरू हुई थी।

उन्होंने कहा कि बोधगया में राजकुमार सिद्धार्थ बुद्ध बने। वाराणसी में उन्होंने पहला उपदेश दिया, जहां की सेवा करने का मुझे अवसर मिला है। उन्होंने कहा कि मैं बुद्ध की धरती से सवा सौ करोड़ लोगों की शुभकामनाएं लेकर श्रीलंका आया हूं।

प्रधानमंत्री मोदी शुक्रवार सुबह समारोह स्थल पहुंचे, जहां उनके श्रीलंकाई समकक्ष रानिल विक्रमसिंघे ने पारंपरिक तरीके से उनकी अगवानी की। श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना भी मौजूद थे।

वेसाक दिवास भगवान बुद्ध के जन्म, उन्हें बुद्धत्व की प्राप्ति तथा उनके महापरिनिर्वाण के संदर्भ में मनाया जाता है।

मोदी श्रीलंका के दो दिवसीय दौरे पर हैं। उनका यह दौरा श्रीलंका के राष्ट्रपति सिरिसेना के निमंत्रण पर हो रहा है। यह मार्च 2015 के बाद प्रधानमंत्री के रूप में मोदी का दूसरा श्रीलंका दौरा है।

यह पहली बार है, जब श्रीलंका अंतर्राष्ट्रीय वेसक दिवस की मेजबानी कर रहा है। इसे संयुक्त राष्ट्र से मान्यता प्राप्त है। इस समारोह का थीम 'समाज कल्याण और विश्व शांति के लिए बुद्ध के संदेश' है।

अंतरराष्ट्रीय 'वेसाक दिवस' महोत्सव कोलंबो में 12 से 14 मई के बीच आयोजित किया जा रहा है, जिसमें 100 से अधिक देशों के 400 से भी ज्यादा प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे।

इससे पहले बताया जा रहा था कि पीएम मोदी की इस यात्रा को लेकर दोनों देशों के बीच कोई भी औपचारिक बैठक नहीं होगी और न ही किसी दस्तावेज पर हस्ताक्षर किये जाने का भी कोई कार्यक्रम नहीं है। हालांकि मोदी श्रीलंका के कई नेताओं से बातचीत करेंगे।

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