भारत की एनएसजी सदस्यता पर चीन ने फिर अटकाया रोड़ा, कहा उसके रुख में परिवर्तन नहीं

विएना में होने वाली एनएसजी की बैठक से ठीक पहले चीन ने कहा कि भारत की सदस्यता को लेकर उसके रूख में ‘कोई परिवर्तन’ नहीं हुआ है।

विएना में होने वाली एनएसजी की बैठक से ठीक पहले चीन ने कहा कि भारत की सदस्यता को लेकर उसके रूख में ‘कोई परिवर्तन’ नहीं हुआ है।

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pradeep tripathi
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भारत की एनएसजी सदस्यता पर चीन ने फिर अटकाया रोड़ा, कहा उसके रुख में परिवर्तन नहीं

एनएसजी में भारत की सदस्यता को लेकर चीन ने फिर से रोड़ा अटकाने के संकेत दिये हैं। विएना में होने वाली एनएसजी की बैठक से ठीक पहले चीन ने कहा कि भारत की सदस्यता को लेकर उसके रूख में ‘कोई परिवर्तन’ नहीं हुआ है।

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चीनी विदेश निभाग के प्रवक्ता लू कांग ने कहा, 'वियना में शुक्रवार को एनएसजी की बैठक है और हमारे ऱुख में कोई परिवर्तन नहीं हुआ है।'

चीन ने कहा है कि सदस्य देशों द्वारा जबतक गैर एनपीटी सदस्‍यों की सदस्यता पर जब तक कोई नियम नहीं बनाया जाता तब तक उसके रुख में परिवर्तन नहीं आएगा।

लू ने भारत और चीन के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की 4 नवम्बर को हैदराबाद में हुई बैठक का जिक्र भी किया। उन्होंने कहा कि चीन भारत सहित दूसरे पक्षों के साथ सम्पर्क में है और इस मुद्दे पर रचनात्मक बातचीत चल रही है।

भारत के एनएसए अजित डोभाल की चीन के एनएसए और स्टेट काउंसिलर यांग जिएची के साथ हैदराबाद में बातचीत हुई थी जिसमें भारत ने एनएसजी में सदस्यता का मुद्दा भी उठाया था।

दोनों देशों के बीच बातचीत एनएसजी की विएना में 11 और 12 नवम्बर को होने वाली बैठक से पहले हुई। मीडिया में आई खबरों के अनुसार समूह नये सदस्यों को शामिल करने के दो चरण की प्रक्रिया पर चर्चा कर सकता है जिन्होंने परमाणु अप्रसार संधि पर हस्ताक्षर नहीं किये हैं।

दरअसल पाकिस्तान ने भी एनएसजी की सदस्यता के लिए आवेदन किया है और चीन चाहता है कि यदि भारत को एनएसजी में सदस्यता दी जा रही है तो पाकिस्तान को भी दी जाए।

भारत और पाकिस्तान दोनों ने ही परमाणु अप्रसार संधि पर हस्ताक्षर नहीं किये हैं।

पिछले हफ्ते ही एनएसजी में सदस्यता को लेकर भारत और चीन के बीच दूसरे राउंड की बातचीत हुई थी।

चीन पाकिस्तान के एनएसजी में प्रवेश को लेकर भी बातचीत कर रहा है। एनएसजी अधिकारियों का कहना है कि उन औपचारिकातओं पर जोर दिया जा रहा है जिससे भारत को सदस्यता मिल सके। पाकिस्तान के विपरीत भारत के परमाणु अप्रसार के रिकार्ड को समूह के अधिकतर सदस्य सकारात्मक मानते हैं।

डोभाल और यांग के बीच हैदराबाद में आयोजित बैठक के परिणाम के बारे में कांग ने कहा कि दोनों अधिकारियों ने द्विपक्षीय के अलावा समान हित के क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों पर विचारों का अदान प्रदान किया था।

पाकिस्तान के आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद का मुखिया मसूद अजहर पर पूछे गए सवाल पर कांग ने कहा कि बातचीत में ये मुद्दा 'उठा' था।

उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को मज़बूत करने की कोशिशों पर बातचीत जारी रहेगी।

Source : News Nation Bureau

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