दो महीने बाद सऊदी अरब और यरुशलम में खोली गई मस्जिदें

सऊदी अरब (Saudi Arab) में दो महीने बाद रविवार को हजारों मस्जिदें (Mosque) पुनः खोल दी गईं लेकिन कोरोना वायरस (Corona Virus) को फैलने से रोकने के लिए श्रद्धालुओं को दिशा-निर्देशों का कड़ाई से पालन करने को कहा गया है.

सऊदी अरब (Saudi Arab) में दो महीने बाद रविवार को हजारों मस्जिदें (Mosque) पुनः खोल दी गईं लेकिन कोरोना वायरस (Corona Virus) को फैलने से रोकने के लिए श्रद्धालुओं को दिशा-निर्देशों का कड़ाई से पालन करने को कहा गया है.

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Nihar Saxena
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Al Axa Mosque Corona Lockdown

दुनिया की तीसरी बड़ी मस्जिद है अल अक्सा, जो यरुशलम में हैं.( Photo Credit : न्यूज नेशन)

सऊदी अरब (Saudi Arab)में दो महीने बाद रविवार को हजारों मस्जिदें (Mosque) पुनः खोल दी गईं लेकिन कोरोना वायरस (Corona Virus) को फैलने से रोकने के लिए श्रद्धालुओं को दिशा-निर्देशों का कड़ाई से पालन करने को कहा गया है. मक्का में इस्लाम (Islam) का सबसे पवित्र स्थल जनता के लिए बंद था. मध्य मार्च में बंद की गई यरुशलम की अल-अक्सा मस्जिद को भी खोल दिया गया है. सऊदी अरब के मक्का और मदीना के बाद अल-अक्सा इस्लाम का तीसरा सबसे पवित्र स्थल है. रविवार को मस्जिद खुलने से पहले उसके प्रवेश द्वार पर हजारों की संख्या में श्रद्धालु उमड़े. बहुत से श्रद्धालुओं ने मास्क लगाया था. अंदर घुसते ही श्रद्धालुओं ने शरीर का तापमान दर्ज कराने से इनकार कर दिया.

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सऊदी अरब में सरकार ने 90,000 मस्जिदों को पुनः खोलने से पहले नमाज पढ़ने की कालीनों, शौचालयों और कुरान रखने के स्थान को सैनिटाइज करवाया. इस्लामिक मामलों के मंत्रालय ने कहा कि मस्जिदों में नमाज पढ़ने के नए नियमों के बारे में लाखों लोगों को उनकी भाषा में मोबाइल पर संदेश भेजे गए. नए नियमों के अनुसार नमाज पढ़ते समय दो मीटर की दूरी रखना, हर समय मास्क लगाना और हाथ मिलाना या गले लगने से परहेज करना आवश्यक है. पंद्रह साल से कम उम्र के बच्चों को मस्जिद में आने की अनुमति नहीं दी गई है.

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वृद्ध और बीमार लोगों को घर में नमाज पढ़ने को कहा गया है. लोगों से कहा गया है कि वे अनिवार्य रूप से घर से नहा धोकर आएं क्योंकि मस्जिदों के शौचालय बंद रहेंगे. लोगों को नमाज पढ़ने के लिए अपने कालीन लाने को कहा गया है और सैनिटाइजर का प्रयोग करने की हिदायत दी गई है. इसके साथ ही उन्हें कुरान की अपनी प्रति लाने को कहा गया है. गौरतलब है कि ऐसा पहली बार हुआ है कि पवित्र रमजान के महीने में भी मस्जिदें बंद रही हैं और लोगों ने ईद की नमाज तक अपने-अपने घरों से पढ़ी है.

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