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94,000 लोगों की जान जाने के बाद अब कोरोना वायरस (Corona Virus) से मुक्ति मिलने की बंध रही उम्मीद

कोरोना वायरस (Corona Virus) वैश्विक महामारी हर दिन नये आंकड़ों के साथ दहशत लेकर आ रही है और बृहस्पतिवार तक दुनिया भर में इस घातक विषाणु के कारण मृतकों का आंकड़ा 94,000 के पार चला गया.

Updated on: 10 Apr 2020, 01:56 PM

ब्रसेल्स:

कोरोना वायरस (Corona Virus) वैश्विक महामारी हर दिन नये आंकड़ों के साथ दहशत लेकर आ रही है और बृहस्पतिवार तक दुनिया भर में इस घातक विषाणु के कारण मृतकों का आंकड़ा 94,000 के पार चला गया. हालांकि अमेरिका और यूरोप में इस संकट के चरम पर पहुंचने के बाद अब इसकी दहशत कम होने की उम्मीद के कुछ अस्थायी संकेत दिखाई देने शुरू हुए हैं. आर्थिक आपदा की तस्वीर भी साफ होने लगी है जहां अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (International Monetary Fund) ने कहा, आर्थिक मंदी के प्रति आगाह किया है और डेटा दिखा रहा है कि 1.7 करोड़ अमेरिकियों की नौकरी चली गई है जबकि यूरोपीय संघ का आर्थिक राहत पैकेज समझौता बुरी खबरों के बीच कुछ राहत लेकर आया है.

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अमेरिका में बृहस्तिवार को 1,700 और लोगों की मौत हुई जबकि यूरोप में सैकड़ों और लोगों की मौत हुई जिसके बाद दुनिया भर में मरने वालों का आंकड़ा 94,000 के पार चला गया. वैश्विक महामारी के कारण आधे से अधिक जान पिछले एक हफ्ते के दौरान गई हैं. लेकिन सबसे बुरी तरह प्रभावित यूरोप और अमेरिका में अधिकारियों ने कहा कि रोज हो रही मौत और सामने आ रहे संक्रमणों का घटना यह उम्मीद बंधाता है कि संभवत: सबसे बुरा वक्त खत्म हो गया है.

स्पेन के प्रधानमंत्री पेद्रो सांशेज ने कहा, “वैश्विक महामारी की आग अब नियंत्रण में आने लगी है.” स्पेन में मृतकों का आंकड़ा बृहस्पतिवार को 683 था जो कि एक दिन पहले ही 757 था. देश में 15,000 से ज्यादा लोगों की वायरस के चलते मौत हो चुकी है. उन्होंने कहा, “हमारी प्राथमिकता पीछे मुड़कर देखने की नहीं और न ही कम सतर्क रहने की है.” फ्रांस में भी रोज के मुकाबले आईसीयू में भर्ती होने वालों की संख्या कम हो गयी है. अब ये आंकड़ा केवल 82 का है. वैश्विक महामारी शुरू होने के बाद से यह पहली गिरावट है. 

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वैश्विक महामारी पर अमेरिका के शीर्ष विशेषज्ञ एंथनी फाउची ने कहा है कि अमेरिका “सही दिशा में आगे बढ़ रहा है.” अमेरिका में पिछले 24 घंटों में 1,783 मौत हुई जो पिछले दिन के 1,973 के मुकाबले कम थी. अमेरिका में इटली के बाद दुनिया में सबसे ज्यादा 16,500 मौत हुई है और वहां 4,60,000 से ज्यादा लोगों में संक्रमण की पुष्टि हुई है. अमेरिका में वायरस के केंद्र न्यूयॉर्क में केवल 200 और लोगों को अस्पतालों में भर्ती कराया गया. यह अब तक की सबसे कम संख्या है जबकि उससे पिछले ही दिन 799 लोगों की मौत हुई थी.

वहीं, वैश्विक मनोबल बढ़ाने के क्रम में ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन की सेहत में भी सुधार हुआ है. वायरस से संक्रमित 15 लाख लोगों में सबसे हाई प्रोफाइल जॉनसन ने तीन दिन आईसीयू में बिताने की अवधि पूरी कर ली है. हालांकि ब्रिटेन ने बृहस्पतिवार को 881 और लोगों की मौत की जानकारी दी जिससे बाद कुल संख्या 8,000 हो गई है. आर्थिक मोर्चे पर, यूरोप ने 550 अरब डॉलर के बचाव पैकेज पर यूरोपीय संघ के वित्त मंत्रियों के बीच सहमति बनाकर बड़ी कामयाबी हासिल की है जिसका मकसद 27 राष्ट्रों के इस गुट खासकर इटली और स्पेन का कुछ बोझ हल्का करना है.

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अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने अमेरिकावासियों को राहत देने का प्रयास किया है और इसके प्रमुख जेरोम पोवेल ने 2.3 हजार अरब डॉलर के आर्थिक उपायों की घोषणा की है, “जो बाधित आर्थिक गतिविधि के इस दौर में अधिक से अधिक राहत एवं स्थिरता मुहैया कराएगा.” आईएमएफ ने कहा है कि उसके 180 में से 170 सदस्य देश इस साल प्रति व्यक्ति आय में कमी का सामना करेंगे. इससे कुछ ही महीने पहले संस्था ने कहा था कि लगभग हर कोई वृद्धि का स्वाद चखेगा. आईएमएफ प्रमुख क्रिस्टालीना जॉर्जियेवा ने कहा, “महामंदी के बाद से हम सबसे बुरी आर्थिक गिरावट का अनुमान जता रहे हैं.”

पश्चिमी राष्ट्रों और चीन में उम्मीद बंधाते संकेतों के बावजूद ऐसी आशंका है कि ज्यादातर विकासशील देशों में अभी और बुरा समय आना बाकी है. उधर, मानवता के सबसे गंभीर संकट से जूझते युद्धग्रस्त यमन में शुक्रवार को पहला मामला सामने आया. ब्राजील के अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को रियो डी जेनेरियो में पहली मौत की जानकारी दी जहां भीड़-भाड़ और खराब स्वच्छता व्यवस्था ने आपदा के खतरे बढ़ा दिए हैं. इसी तरह का भय भारत में भी है जहां करोड़ों गरीब लोग तेजी से निराशा के शिकार होते जा रहे हैं.

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संकट पर अंतरराष्ट्रीय एकजुटता बनाने के प्रयास में जर्मनी ने बृहस्पतिवार को वैश्विक महामारी के मुद्दे पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के वीडियो कॉन्फ्रेंस सत्र का नेतृत्व किया. ओपेक ने शुक्रवार को घोषणा की कि मेक्सिको को छोड़कर प्रमुख तेल उत्पादक देशों ने उत्पादन में कटौती करने पर सहमति व्यक्त की है.