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पाकिस्तान ने माना उसकी शह पर पल रहे हैं जैश-लश्कर जैसे आतंकी संगठन

पाकिस्तान ने यह कबूल किया है कि लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) व जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) जैसे संगठन उसकी जमी पर सक्रिय हैं।

Updated on: 07 Sep 2017, 08:13 AM

highlights

  • पाकिस्तान ने कहा, एलईटी-जेईएम हमारे यहां प्रतिबंधित है, ब्रिक्स के फैसले पर कोई आश्चर्य वाली बात नहीं है
  • पाक के विदेश मंत्री ने इंटरव्यू के दौरान भारत को दुश्मन तो वहीं चीन को दोस्त बताया

नई दिल्ली:

पाकिस्तान ने यह कबूल किया है कि लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) व जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) जैसे संगठन उसकी जमी पर सक्रिय हैं।

पाकिस्तान के विदेश मंत्री विदेश मंत्री ख्वाजा आसिफ ने ब्रिक्स सम्मेलन में आतंकवाद पर भारत की सफलता पर कहा कि अगर हम इस तरह के संगठनों (जेईएम, एलईटी) से नजरें छुपाते रहेंगे तो हमें इस तरह की शर्मिंदगी का सामना करना पड़ेगा।

ख्वाजा आसिफ ने जियो न्यूज को दिये इंटरव्यू में कहा, 'जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिबंधित संगठन है। हमारे देश में भी प्रतिबंधित है। ब्रिक्स के फैसले पर कोई आश्चर्य वाली बात नहीं है।'

उन्होंने कहा, 'हमें लश्कर और जैश की गतिविधियों पर कुछ अंकुश लगाना होगा ताकि वैश्व‍िक समुदाय को यह दिखा सकें कि हमने अपना घर दुरुस्त किया है।'

विदेश मंत्री ने इंटरव्यू के दौरान भारत को दुश्मन तो वहीं चीन को दोस्त बताया।

आपको बता दें कि चीन के शियामेन में 9वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के 43 पृष्ठों के घोषणा-पत्र में एलईटी व जेईएम के साथ ही टीटीपी (तहरीक -ए-तालिबान पाकिस्तान) को इस्लामिक स्टेट के समतुल्य बताया गया और उनके कार्यो की निंदा की गई।

भारत एलईटी व जेईएम को भारत में हुए आतंकवादी हमलों के लिए जिम्मेदार ठहराता रहा है। बीते साल गोवा में हुए 8वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में चीन ने घोषणा-पत्र में पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी संगठनों को शामिल करने का विरोध किया था।

भारत, अमेरिका व दूसरे देशों द्वारा पाकिस्तान में आतंकवादियों को पनाह देने को लेकर निंदा किए जाने के बाद भी चीन अतीत में अपने सदाबहार दोस्त पाकिस्तान का बचाव करता रहा है।

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शियामेन घोषणा-पत्र में कहा गया है, 'हम क्षेत्र में सुरक्षा स्थिति पर और तालिबान, इस्लामिक स्टेट (आईएस), अलकायदा और इससे संबद्ध संगठनों ईस्टर्न तुर्किस्तान इस्लामिक मूवमेंट, इस्लामिक मूवमेंट ऑफ उज्बेकिस्तान, हक्कानी नेटवर्क, लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद, टीटीपी और हिज्बुल-तहरीर द्वारा की गई हिंसा पर चिंता व्यक्त करते हैं।'

जेईएम प्रमुख मसूद अजहर को भारतीय सेना के प्रतिष्ठानों पर घातक हमलों के लिए जिम्मेदार माना जाता है। भारत ने अजहर को अंतर्राष्ट्रीय आतंकी घोषित कराने के लिए संयुक्त राष्ट्र का रुख किया था, लेकिन चीन ने बार-बार इस प्रस्ताव की राह में रोड़ा अटकाया है।

एलईटी को 2008 में मुंबई आतंकवादी हमलों के लिए जिम्मेदार ठहराया गया है, इस हमले में 166 भारतीय व विदेशी मारे गए थे।

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