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भारत से डरा पाकिस्तान, पाक सेनाध्यक्ष बाजवा के कार्यकाल विस्तार में जोड़-तोड़ शुरू

याचिका में कहा गया है, 'पाकिस्तान पांचवीं पीढ़ी के युद्ध की तरफ जा रहा है.' इस बात के निहितार्थ यह निकाले जा रहे हैं कि पाकिस्तान भारत से हाल-फिलहाल डरा हुआ है.

Updated on: 26 Dec 2019, 07:10 PM

highlights

  • भारतीय सैन्य अध्यक्ष जनरल बिपिन रावत के तैयारी वाले बयान से डरा पाकिस्तान.
  • पाक सैन्य अध्यक्ष के सेवा विस्तार फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दायर की.
  • याचिका में कहा गया है, 'पाकिस्तान पांचवीं पीढ़ी के युद्ध की तरफ जा रहा है.'

नई दिल्ली:

पाकिस्‍तान के सेनाध्‍यक्ष कमर जावेद बाजवा का कार्यकाल बढ़ाने का मसला विशुद्ध रूप से राजनीतिक प्रपंच बन चुका है. इस फैसले का विरोध करते हुए इमरान खान सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर पुनर्विचार याचिका दाखिल कर दी है. गौरतलब है कि अदालत ने तीन साल के सेवा विस्तार के सरकार के आदेश पर रोक लगाते हुए सिर्फ 6 महीने के अतिरिक्त कार्यकाल को मंजूरी दी थी. ऐसे में अब कानून मंत्री फारोग नसीम और अटॉर्नी जनरल ने याचिका का पहला मसौदा तैयार कर लिया है. कानून मंत्री के हवाले से डॉन अखबार ने बताया कि सरकार कई कानूनी पहलुओं के आधार पर अदालत के आदेश को चुनौती दे रही है.

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भारत से डरे पाकिस्तान ने दायर की पुनर्विचार याचिका
याचिका में कहा गया है, 'पाकिस्तान पांचवीं पीढ़ी के युद्ध की तरफ जा रहा है.' इस बात के निहितार्थ यह निकाले जा रहे हैं कि पाकिस्तान भारत से हाल-फिलहाल डरा हुआ है. गौरतलब है कि पाक सरकार बाजवा (59) के सेवा विस्तार की कोशिश में ऐसे समय लगी हुई है, जब भारतीय सेना के प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने कहा था कि पाक के साथ लगती सीमा पर हालात बिगड़ सकते हैं और हमारी सेना किसी भी स्थिति का सामना करने के लिए तैयार है. कानून के तहत पाक सरकार को 28 दिसंबर तक पुनर्विचार याचिका दाखिल करनी थी. इमरान सरकार कैमरे की निगरानी में सुनवाई की अपील करने वाली है.

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तीन साल के बजाय 6 महीने का सेवा विस्तार दिया अदालत ने
इसके पहले पाकिस्तान के सर्वोच्च न्यायालय ने सशर्त बाजवा के सेवा विस्तार को मंजूरी दी थी जिसे इमरान खान के लिए राहत माना गया, लेकिन कोर्ट ने इमरान खान की पेशकश के अनुसार 3 साल नहीं बल्कि मात्र 6 माह तक ही कार्यकाल बढ़ाने का निर्णय दिया. उस वक्त सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस की अगुआई में 3 सदस्यीय खंडपीठ ने मामले की सुनवाई की थी. चीफ जस्टिस आसिफ साईद खान खोसा के अलावा इस बेंच में जस्टिस मजहर आलम खान मियांखेल और जस्टिस मंसूर अली शाह भी थे. 19 अगस्‍त 2019 को प्रधानमंत्री इमरान खान ने बाजवा के कार्यकाल में तीन साल का विस्‍तार किया था.

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कार्यकाल तय करने के लिए संसद को निर्देश
इस फैसले को संविधान के अनुच्छेद 243 (4) (बी) के तहत गलत करार देते हुए चुनौती दी गई थी. यह मामला शुरू में ज्‍यूरिस्‍ट फाउंडेशन द्वारा दर्ज कराया गया था. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने संविधान के अनुच्छेद 243 और पाकिस्‍तान सैन्य कानून 1952 पर विचार किया. 28 नवंबर को कोर्ट ने बाजवा के कार्यकाल को 6 माह का विस्‍तार दिया और सरकार को इस तरह की नियुक्तिों के लिए कानून बनाने का आदेश दिया. इस मामले में 43 पेज के लिखित आदेश को 16 दिसंबर को दिया गया. फैसले में कहा गया कि मामला संसद को सौंपा जा रहा है ताकि भविष्‍य में ऐसी गलतियां न हो. कोर्ट ने संसद से यह भी आग्रह किया कि आर्मी चीफ के पद के लिए कार्यकाल निश्चित करे.