अशरफ गनी ने बताया कि क्यों छोड़ना पड़ा देश, सोशल मीडिया पर खोले राज
अफगानिस्तान पर कल यानि रविवार को अचानक ही तालिबान के कब्जा कर लेने की खबर सामने आई. इस दौरान पता चला कि तालिबान ने अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में राष्ट्रपति भवन पर कब्जा कर लिया और राष्ट्रपति अशरफ गनी ने तालिबान के आगे हार मानकर देश छोड़ दिया.
highlights
- अफगानिस्तान की राजधानी में राष्ट्रपति भवन पर तालिबान का कब्जा
- अशरफ गनी ने सोशल मीडिया पर खोले राज, बताया देश छोड़ने का कारण
- कहा देश को बचाने के लिए बाहर निकलना लगा जरूरी
नई दिल्ली:
अफगानिस्तान पर कल यानि रविवार को अचानक ही तालिबान के कब्जा कर लेने की खबर सामने आई. इस दौरान पता चला कि तालिबान ने अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में राष्ट्रपति भवन पर कब्जा कर लिया और राष्ट्रपति अशरफ गनी ने तालिबान के आगे हार मानकर देश छोड़ दिया. अब ये बात सामने आ रही है कि अफगानिस्तान के राष्ट्रपति रह चुके अशरफ गनी इस समय ओमान में हैं और वहां से अमेरिका जाने की कोशिश में काम कर रहे हैं. हालांकि पहले गनी ने ताजिकिस्तान में ही अपनी फ्लाइट को उतारने के लिए कोशिश की थी, लेकिन ताजिकिस्तान ने उन्हें वहां फ्लाइट को लैंड करने की इजाज़त नहीं दी. मिली जानकारी के अनुसार, अफगानिस्तान के सुरक्षा सलाहकार मोहिब भी ओमान में गनी के साथ ही हैं और वह भी उनके साथ ही अमेरिका जा सकते हैं.
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अशरफ गनी ने क्यों छोड़ा देश, सोशल मीडिया पर खोले राज़
इस बारे में बात करते हुए अशरफ गनी ने सोशल मीडिया पर कहा कि अपने देश अफगानिस्तान को खून-खराबे से बचाने के लिए ही उन्होंने देश को छोड़ा है. रविवार को अफगानिस्तान छोड़कर जाने के बाद गनी ने पहली बार कोई टिप्पणी की है. इसमें उन्होंने कहा, ''मेरे पास दो रास्ते थे, पहला तो राष्ट्रपति भवन में प्रवेश करने की कोशिश कर रहे सशस्त्र तालिबान का सामना करूं या अपने प्रिय देश को छोड़ दूं जिसकी रक्षा के लिए मैंने अपने जीवन के 20 साल समर्पित कर दिए.''
गनी ने रविवार को फेसबुक पर एक पोस्ट में लिखा, ''यदि असंख्य देशवासी शहीद हो जाएं, अगर वे तबाही का मंजर देखते और काबुल का विनाश देखते तो 60 लाख की आबादी वाले इस शहर में बड़ी मानवीय त्रासदी हो सकती थी. तालिबान मे मुझे हटाने के लिए यह सब किया है और वे पूरे काबुल और काबुल की जनता पर हमला करने आए हैं. रक्तपात होने से रोकने के लिए मुझे बाहर निकलना ठीक लगा.''
पिछले कुछ दिनों में, तालिबान लड़ाकों ने कंधार, हेरात, मजार-ए-शरीफ और जलालाबाद जैसे शहरों सहित 34 प्रांतीय राजधानियों में से लगभग 25 पर कब्जा कर लिया है. साथ ही देश के अधिकांश हिस्सों में घुसपैठ के माध्यम से तालिबान अपनी जड़ें जमा चुका है. इस तरह से रविवार को तालिबान ने पूरे देश पर कब्जा कर लिया. अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई राष्ट्रीय सुलह करने और एक समावेशी सरकार चलाने के लिए तालिबान के साथ बातचीत करने का प्रयास कर रहे हैं. इस मामले में तालिबान की प्रतिक्रिया का इंतजार पूरा अफगानिस्तान कर रहा है.
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