Afghanistan Crisis: तालिबान की टूटेगी आर्थिक कमर! अमेरिका ने सील किए अफगान सरकार के खाते

तालिबान पहले ही 11 सितंबर 2001 के हमलों के बाद मंजूर किए गए एग्जीक्यूटिव ऑर्डर के तहत प्रतिबंधों का सामना कर रहा था.  

तालिबान पहले ही 11 सितंबर 2001 के हमलों के बाद मंजूर किए गए एग्जीक्यूटिव ऑर्डर के तहत प्रतिबंधों का सामना कर रहा था.  

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Kuldeep Singh
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अमेरिका ने सील किए अफगान सरकार के खाते( Photo Credit : न्यूज नेशन)

अफगानिस्तान की सत्ता पर बंदूक के बल पर काबिज होने वाले तालिबान की आर्थिक कमर तोड़ने की तैयारी की जा रही है. अमेरिका पहले से कर्ज में डूबे अफगानिस्तान की मदद करता रहा है. अब तालिबान के कब्जे के बाद ना सिर्फ अमेरिका ने अफगान सत्ता को आर्थिक मदद से इनकार कर दिया है बल्कि अमेरिका में मौजूद खातों को भी सील कर दिया है. जो बाइडेन सरकार ने यह फैसला अमेरिकी संस्थाओं में रखे करोड़ों डॉलर तक तालिबान (Taliban) की पहुंच पर रोक लगाने के लिए लिया है. अफगानिस्तान पर पहले से ही कई प्रतिबंध लगे हुए हैं.  

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वॉशिंगटन पोस्ट के अनुसार, बाइडेन प्रशासन ने बीते रविवार को अमेरिकी बैंक खातों में मौजूद अफगान सरकार के रिजर्व को फ्रीज कर दिया है. इस फैसले को ट्रेजरी सेक्रेटरी जेनेट एल येलन और ऑफिर ऑफ फॉरेन एसेट्स कंट्रोल के ट्रेजरी विभाग के अधिकारियों की तरफ से लिया गया है. रिपोर्ट में एक अधिकारी के हवाले से बताया गया है, ‘अमेरिका में अफगान सरकार की किसी केंद्रीय बैंक संपत्ति को तालिबान के लिए उपलब्ध नहीं कराया जाएगा.’

जानकारी के मुताबिक अंतराष्ट्रीय मुद्रा कोष के आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल तक अफगानिस्तान सेंट्रल बैंक में 9.4 बिलियन डॉलर के रिजर्व एसेट्स हैं. यह आंकड़ा काफी बड़ा है. अगर इसे अफगानिस्तान के आर्थिक उत्पादन की दृष्टि से देखा जाए तो यह करीब एक तिहाई है. रिपोर्ट के मुताबिक, मामले के जानकार ने बताया कि इन रिजर्व में से ज्यादातर अफगानिस्तान में नहीं है. वहीं, इस फंड में से करोड़ों डॉलर अमेरिका में हैं.  

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यहां गौर करने वाली बात यह है कि इस फैसले को लेने के लिए अमेरिका को किसी नए आदेश की जरूरत नहीं है. दरअसल  11 सितंबर 2001 के हमलों के बाद मंजूर किए गए एग्जीक्यूटिव ऑर्डर के तहत प्रतिबंधों का सामना कर रहा था. ऐसे में अफगानिस्तान के खिलाफ फैसला लिया जा सकता है. अफगानिस्तान अब तक अमेरिका से मिलने वाली आर्थिक मदद पर निर्भर था. अफगान सरकार के खाते सील होने के बाद तालिबान के सामने परेशानी का संकट खड़ा हो जाएगा. 

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