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तालिबान ने जारी की चेतावनी, कोई भी अफगानी अब देश ना छोड़े

काबुल एयरपोर्ट पर हजारों देश छोड़कर जाने के लिए इक्ट्ठा हुए हैं. काबुल पर 15 अगस्त को कब्जा करने वाले तालिबान ने लोगों को चेतावनी दी है. तालिबान ने कहा कि अब वो किसी भी अफगानी को देश छोड़ने की इजाजत नहीं देगा. 

Updated on: 25 Aug 2021, 10:34 AM

highlights

  • तालिबान ने अफगानियों को दी चेतावनी
  • अफगानियों को अब देश नहीं छोड़ने दिया जाएगा

नई दिल्ली :

अफगानिस्तान (Afghanistan) में तालिबानियों का राज हो गया है. 20 साल बाद फिर से तालिबान राज आने की वजह से वहां की जनता भयभीत हैं. पूरी दुनिया में यह चिंता का विषय भी बन गया है. अब तक हजारों अफगानी देश छोड़कर चले गए हैं. वहीं काबुल एयरपोर्ट पर हजारों देश छोड़कर जाने के लिए इक्ट्ठा हुए हैं. काबुल पर 15 अगस्त को कब्जा करने वाले तालिबान ने लोगों को चेतावनी दी है. तालिबान ने कहा कि अब वो किसी भी अफगानी को देश छोड़ने की इजाजत नहीं देगा. वो इससे खुश नहीं है. 

तालिबान के प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद (Zabiullah Mujahid) ने मंगलवार को मीडिया से बातचीत की. उसने कहा कि अब किसी भी अफगानी को देश छोड़ने की इजाजत नहीं होगी. हालांकि उसने साफ किया है कि जो भी विदेशी नागरिक अफगानिस्तान में रहते हैं वो अपने वतन लौट सकते हैं. लेकिन अफगानी को देश छोड़ने की इजाजत नहीं होगी.

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अमेरिकी मीडिया से बात करते हुए जबीउल्लाह मुजाहिद ने कहा कि एयरपोर्ट जाने वाली सड़क को ब्लॉक कर दिया गया है.अफगानी उस सड़क से एयरपोर्ट नहीं जा सकते, लेकिन विदेशी नागरिकों को एयरपोर्ट जाने की इजाजत होगी.

इसके साथ ही तालिबानी प्रवक्ता ने कहा कि अब तक जितने भी अफगानियों ने देश छोड़ा है उन्हें यहां लौट आना चाहिए. जो लोग देश छोड़कर गए हैं और जो जाना चाहते हैं उससे हम खुश नहीं है. अब हम किसी को देश छोड़ने की इजाजत नहीं देंगे. अफगानिस्तान के डॉक्टरों और शिक्षाविदों को देश नहीं छोड़ना चाहिए, उन्हें अपने वतन के लिए काम करना चाहिए.

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बता दें कि जैसे ही तालिबानी काबुल पर कब्जा किए वैसे ही तत्कालीन राष्ट्रपति अशरफ गनी अपने परिवार के साथ काबुल छोड़कर भाग गए. वो अफगानियों को अपने हाल पर छोड़कर फरार हो गए. इस वक्त वो यूएई के शरण में हैं. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) ने बताया कि 14 अगस्त से अब तक 70 हजार से ज्यादा लोगों को काबुल से निकाला जा चुका है. इनमें अमेरिकी नागरिक, नाटो सेना और अफगानी भी शामिल हैं.