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अशरफ गनी ने छोड़ा अफगानिस्तान का साथ तो भाई ने थाम लिया तालिबान का हाथ !

गनी के भाई हशमत गनी अहमजई ने कथित तौर पर तालिबान के पहलू में जा बैठे हैं. हशमत गनी अल्हाज खलील-उर रहमान हक्कानी के साथ बैठक करने के बाद तालिबान का समर्थन देने का फैसला लिया.

Updated on: 21 Aug 2021, 12:12 PM

highlights

  • अशरफ गनी के भाई ने थामा तालिबान का दामन
  • हशमत गनी अहमजई कथित तौर पर तालिबान में शामिल
  • अशरफ गनी यूएई के शरण में  है

नई दिल्ली :

अफगानिस्तान (Afghanistan) पर तालिबान (Taliban) का कब्जा हो चुका है. अफगानी नागरिक को मुसीबत में छोड़कर पूर्व राष्ट्रपति अशरफ गनी रातों-रात अफगानिस्तान से फरार हो गए. अब खबर है कि गनी के भाई हशमत गनी अहमजई तालिबान के साथ हो लिए हैं. ऐसे में इस कयास को बल मिल गया है कि अशरफ गनी, तालिबानी और अमेरिका के बीच कोई बड़ा समझौता हुआ है. जिसके बारे में दुनिया को पता नहीं है. तभी तो बिना लड़े अशरफ गनी फरार हो गए. अमेरिका अफगानिस्तान के लोगों को तालिबान के हाथों मरने के लिए छोड़ अपने सैनिकों को वापस बुला लिया. 

मीडिया हाउस की मानें तो गनी के भाई हशमत गनी अहमजई ने कथित तौर पर तालिबान के पहलू में जा बैठे हैं. हशमत गनी अल्हाज खलील-उर रहमान हक्कानी के साथ बैठक करने के बाद तालिबान का समर्थन देने का फैसला लिया. रिपोर्ट के मुताबिक ग्रैंड काउंसिल ऑफ कुचिस के मुखिया हशमत गनी ने तालिबान का दामन  खलील-उर रहमान और धार्मिक स्कॉलर मुफ्ती महमूद जाकिर की मौजूदगी में थामा.

तालिबानी राज आने से अफगानी है परेशान 

हशमत गनी अहमजई के इस फैसले और अशरफ गनी के देश छोड़कर भाग जाने से वहां के नागरिक खुद को ठगा महसूस कर रहे होंगे. आतंकी संगठन तालिबान के हाथों में शासन के जाने से वहां के लोग बेहद डरे हुए हैं. खासकर महिलाएं. सब देख चुके हैं कि तालिबानी शासन में महिलाओं के साथ किस तरह से हैवानियत की जाती है. तालिबानी राज आने से वहां के लोग देश छोड़कर निकल जाना चाहते हैं.

यूएई में गनी ने ली शरण 

वहीं, अशरफ गनी देश को मझधार में छोड़कर यूएई (UAE) की शरण में चले गए हैं. यूएई ने कहा कि गनी को उन्होंने मानवीय आधारों पर शरण दी है. गनी के इस कदम की पूरी दुनिया में आलोचना हो रही है. बताया जा रहा है कि गनी देश की जनता को रोते हुए छोड़ खुद ऐशो -आराम के लिए भारी संख्या में कैश लेकर यूएई पहुंचे हैं. वहीं गनी का कहना है कि वो अपने साथ कैश लेकर नहीं आए हैं. वह काबुल के लोगों की जान बचाने और हिंसा को रोकने के लिए देश छोड़कर आए हैं. 

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तालिबान सरकार बनाने में जुटी 

इधर तालिबान ने पूरे अफगानिस्तान को अपने कब्जे में ले लिया है और सरकार बनाने की तैयारी में जुट गया है. उसने कहा है कि वो इस बार शासन करने आया है. वो महिलाओं को शिक्षा और हेल्थ सेक्टर में काम करने की छूट देगा. वो खुद को बदला हुआ तालिबान बता रहा है. अपने बदले स्वरूप के साथ वो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शासन करने की मंजूरी मांग रहा है. हाल ही में तालिबानी नेता पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई और अब्दुल्लाह अब्दुल्लाह से मिले थे. बताया जा रहा है कि वो हामिद करजई और अन्य नेताओं पर शिकंजा कसने के लिए ये मुलाकात की थी. ताकि ये लोग देश छोड़कर भाग ना खड़े हो. कहा जा रहा है कि अशरफ गनी के भाई के तालिबान में शामिल होने से इस आतंकी संगठन को मजबूती मिलेगी.