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Exclusive: अशरफ गनी के भाई का खुलासा: तालिबान के पीछे पाक का हाथ

अशरफ गनी के भाई हशमत गनी अहमदजई ने न्यूज नेशन को बताया कि अशरफ गनी को इसलिए अफगानिस्तान छोड़ना पड़ा ​क्योंकि वहां उनकी हत्या की साजिश रची जा रही थी

Updated on: 24 Aug 2021, 11:05 PM

नई दिल्ली:

अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद वहां के हालात ठीक नहीं हैं. तालिबानी लड़ाके अफगानिस्तान में जहां खुलेआम आतंकी मचा रहे हैं, वहीं तालिबान का नेतृत्व नई सरकार का गठन करने में व्यस्त है. अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी अपना मुल्क छोड़कर यूएई की शरण ले चुके हैं. हालांकि गनी के इस कदम को लेकर उन पर तमाम सवाल खड़े हो गए हैं. सबसे बड़ा सवाल यह है कि आखिर क्यों अशरफ गनी को अफगानिस्तान छोड़कर दूसरे देश में शरण लेनी पड़ी. कुछ ऐसे ही सवालों का जवाब अशरफ गनी के भाई हशमत गनी अहमदजई ने न्यूज नेशन के साथ एक्सक्लूसिव बातचीत में दिया. 

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न्यूज नेशन के सबसे लोकप्रिय कार्यक्रम देश की बहस में वरिष्ठ पत्रकार दीपक चौरसिया के साथ विशेष बातचीत में हशमत गनी अहमदजई ने कहा कि अशरफ गनी को इसलिए अफगानिस्तान छोड़ना पड़ा ​क्योंकि वहां उनकी हत्या की साजिश रची जा रही थी. ऐसा करके अशरफ गनी ने देश को खून-खराबे से बचाया है. उन्होंने कहा कि अशरफ गनी के पैसे लेकर भागने की बात सिर्फ अफवाह है. उन्होंने गनी के अफगानिस्तान छोड़ने के फैसला सही बताया. हशमत ने कहा कि उनके भाई पर कभी भी पैसे लेन-देन का आरोप नहीं लगा है.पाकिस्तान को आड़े हाथों लेते हुए हशमत गनी ने कहा कि तालिबान के पीछे पाकिस्तान का हाथ है. तालिबान से पाकिस्तान के गठजोड़ को सारी दुनिया जानती है. उन्होंने कहा कि सिर्फ सुरक्षा बलों पर तो सरकार नहीं चलती है. अफगानिस्तान में ज्यादा से ज्यादा काम सिक्योरिटी की वजह से हो जाता है.

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हशमत गनी अहमदजई ने इसके लिए अमेरिका को भी दोषी ठहराया. उन्होंने कहा कि अभी अमेरिका ने भी अफगानिस्तान में दिक्कत खड़ा कर दी है. अमेरिका तालिबानी को नहीं बल्कि अफगानिस्तान लोगों को तंग कर रहा है. उन्होंने कहा कि सबसे ज्यादा अमेरिका ने मुसीबत में डाला है. हशमत ने साफ किया कि वह तालिबानी सरकार में शामिल नहीं होंगे. उन्होंने कहा कि जब तक तालिबान हुकूमत नहीं बना लेता तबतक कैसे पता चलेगा कि क्या जरूरत है क्या नहीं? उन्होंने कहा कि वैश्विक संबंध के बिना सरकार चलाना मुश्किल है. फिलहाल तालिबान के लोग सरकार बनाने में व्यस्त हैं. हशमत ने यह भी कहा कि पाकिस्तान के पास मदद के लिए कुछ नहीं है.