अफगानिस्तान में अमेरिका और नाटो सैनिकों की वापसी के बीच जारी संघर्ष के कारण नागरिक हताहतों की संख्या 2021 की पहली छमाही में रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गई है। इसका खुलासा संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट में सोमवार को हुआ।
अफगानिस्तान में संयुक्त राष्ट्र सहायता मिशन (यूएनएएमए) ने जारी रिपोर्ट में कहा कि 2021 की पहली छमाही में अफगानिस्तान में नागरिक हताहत रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई, जिसमें मई के बाद से हत्याओं और चोटों में विशेष रूप से तेज वृद्धि आई है, जबसे अंतर्राष्ट्रीय सैन्य बलों ने अपनी वापसी शुरू की और तालिबान के हमले के बाद लड़ाई तेज हो गई है।
2021 यूएनएएमए की अफगानिस्तान प्रोटेक्शन ऑफ सिविलियन्स इन आम्र्ड कॉन्फ्लिक्ट मिडीयर रिपोर्ट में पाया गया कि साल के पहले 6 महीनों में संघर्षों में 1,659 नागरिक मारे गए, जबकि 3,254 अन्य घायल हुए है।
रिपोर्ट के अनुसार, 2020 में इसी अवधि की तुलना में, उद्धृत अवधि के दौरान, मौतों और चोटों सहित कुल नागरिक हताहतों की संख्या में 47 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
विशेष रूप से चौंकाने वाली और गहरी चिंता की बात यह है कि 2021 की पहली छमाही में सभी नागरिक हताहतों में महिलाओं, लड़कों और लड़कियों की संख्या लगभग आधी थी। सभी नागरिक हताहतों में से 46 प्रतिशत, 32 प्रतिशत बच्चे- कुल 1,682 और 14 प्रतिशत महिलाएं- कुल 727 थीं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि, यह रिपोर्ट करना दुखद है कि किसी भी कैलेंडर वर्ष की पहली छमाही में यूएनएएमए द्वारा दर्ज किए गए पहले से कहीं अधिक महिलाएं और अधिक बच्चे मारे गए और घायल हुए।
रिपोर्ट के अनुसार, नागरिक हताहतों के प्रमुख कारण तालिबान और अन्य विद्रोहियों द्वारा तात्कालिक विस्फोटक उपकरणों (आईईडी) का व्यापक उपयोग, जमीनी जुड़ाव, सरकार विरोधी तत्वों द्वारा लक्षित हत्याएं और अफगान वायु सेना द्वारा हवाई हमले थे।
रिपोर्ट में तालिबान और अन्य उग्रवादियों के लिए 64 प्रतिशत नागरिक हताहतों के लिए जिम्मेदार ठहराया गया और 25 प्रतिशत सरकार समर्थक सुरक्षा बलों के लिए, जबकि 11 प्रतिशत नागरिक हताहतों को जमीनी जुड़ाव के दौरान क्रॉस-फायर के लिए जिम्मेदार ठहराया गया था।
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Source : IANS